युवा दिवस पर विशेष : तिल्दा क्षेत्र के युवा पढ़ाई लिखाई की उम्र में घर चलाने कर रहे खेती… खेती में हुए माहिर,लिखी ख़ुद के सफलता की कहानी…। चमन बहार से संजय सेन

Special on Youth Day: The youth of Tilda area are doing farming at the age of education… 00 became expert in farming, wrote their own success story…. Sanjay Sen from Chaman Bahar

संजय सेन.

तिल्दा-नेवरा। अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस 11 अगस्त को पूरा विश्व मनाएगा। युवा ही देश की नींव होते हैं,जो अपनी लगन ,मेहनत से इतिहास रचते हैं। अलग-अलग फील्ड के अपने हुनर के दम पर उपलब्धियों के शिखर को छूते हैं। दूसरी ओर ऐसे भी युवा हैं जो अपने पढ़ाई लिखाई की उम्र में अपने सपनों को किनारे कर परिवार की जिम्मेदारी बखूबी निभा रहे हैं। हम आपको तिल्दा क्षेत्र के ऐसे युवाओं से अवगत करा रहे हैं,जो स्कूल जाने के उम्र में अपने पालक के देहांत होने के बाद घर की बागडोर और खेती को संभालते हुए घर चला रहे हैं।

पहले बात करते हैं तिल्दा समीपस्थ ग्राम पंचायत परसदा निवासी धनेश्वर पाल की। धनेश्वर क्लास 10वीं में था,तभी उनके पापा गुजर गए। उनके घर में वह अपने माता और बहन के साथ रहता था। पिता कृषक थे और उनकी घर की आवक का स्रोत भी कृषि था, जिसके कारण धनेश्वर पाल 19 वर्ष की आयु में पढ़ाई के साथ-साथ खेती करने लगा। खेत जोताई हो या बीजारोपण सभी कार्य बड़े कुशलता के साथ करता है और गांव के लोग उन्हें बड़े किसान करके संबोधित करते हैं।ऐसे ही ग्राम पंचायत देवरतील्डा निवासी तोलेंद्र कुमार साहू के माता-पिता का एक के बाद एक देहांत होने से दुख का पहाड़ टूटा।घर में अकेला बड़ा रह गया तोलेंद्र अपने छोटे छोटे भाई बहन का पेट पालने के लिए मात्र 22 वर्ष की उम्र से खेती कार्य करने लगा। उन्होंने ने बताया कि शुरू शुरू में पड़ोसी से मदद लेता था अब खेती की पूरी जानकारी हो गई है।

इसी तरह ग्राम गोइंदा निवासी रवि साहू ने बताया की कहानी है। उनके पिता के देहांत के बाद पूरी खेती बाड़ी का कार्य करने लगा। उसने बताया कि पहले वह नौकरी के लिए बहुत परेशान था, अब यही मेरा सबसे अच्छा करियर ही गया है। मैं धान के साथ-साथ सब्जी भी लगाता हूं, जो 12 एकड़ खेत में खेती कर रहा हूँ औरछोटा भाई है,जिसे पढ़ा रहा हूँ।

error: Content is protected !!