भोरमदेव महोत्सव के पहले दिन बॉलीवुड सिंगर ऐश्वर्या पण्डित, भजन सम्राट दिलीप षडंगी, बैगा नृत्य के साथ स्कूली बच्चों ने दी मनमोहक प्रस्तुति…भोरमदेव महोत्सव के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का दीप प्रज्जवलित कर वैदिक मंत्रोचार के साथ हुआ विधिवत शुभारंभ….
कवर्धा।
सतपुड़ा पर्वत की मैकल पहाडी श्रृखलाओं से घिरे सुरम्यवादियों में स्थिति ऐतिहासिक भोरमदेव मंदिर के प्रांगण में वर्षो से आयोजित हो रहे भोरमदेव महोत्सव की परंपरा को कायम रखने जिला प्रशासन द्वारा दो दिवसीय भोरमदेव महोत्सव के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का दीप प्रज्जवलित कर वैदिक मंत्रोचार के साथ भगवान भोरमदेव की पूजा अर्चना कर विधिवत शुभारंभ हुआ। शुभारंभ अवसर पर कबीरधाम जिले के प्रसिद्ध मंदिरों और आदिवासी बैगा समाज के पुजारी विशेष अतिथि के रूप में शामिल हुए।
इस अवसर पर मंच पर मां विन्ध्यवासिनी मंदिर के पुजारी श्री जीवन शर्मा, बुढ़ा महादेव मंदिर के पुजारी श्री मनहरण दुबे, मां दन्तेश्वरी मंदिर के पुजारी श्री अजय राजपूत, मां चण्डी मंदिर के पुजारी श्री तिहारी चन्द्रवंशी, श्री खेड़ापति हनुमान मंदिर के पुजारी श्री चन्द्रकिरण तिवारी, मां शीतला मंदिर सहसपुर लोहारा के पुजारी श्री बीएन शुक्ला, कलेक्टर श्री रमेश कुमार शर्मा, पुलिस अधीक्षक डाॅ लाल उमेंद सिंह, डीएफओं श्री चुनामणी सिंह, जिला पंचायत सीईओं श्री संदीप कुमार अग्रवाल उपस्थित थे।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों का शुभारंभ करते हुए समस्त पुजारियों ने महोत्सव में विशेष रूप से आमंत्रित करने पर महोत्सव के आयोजक भोरमदेव सनातन तीर्थ ट्रस्ट, जिला प्रशासन तथा सरकार के प्रति अभार व्यक्त किया। उन्होंने इस परम्परा को महोत्सव के अनुरूप बताते हुए कहा कि यह पहला अवसर है जब महोत्सव में विशेष अतिथि के रूप में शामिल किया गया है।
इस परम्परा की सभी ने स्वागत भी किया। कलेक्टर श्री रमेश कुमार शर्मा ने विशेष अतिथियों का स्वागत एवं अभिनंदन करते हुए भोरमदेव महोत्सव की आरंभ से लेकर वर्तमान दौर तक पूरी विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भोरमदेव मंदिर छत्तीसगढ़ के ऐतिहासिक, पुरातात्विक, पर्यटन और जन आस्था के रूप में ऐतिहासिक महत्व का स्थल है। इस मंदिर की ख्याति देश के अलग-अलग राज्यों तक फैली हुई है।
यहां साल भर विदेशी, देशी तथा घरेलु पर्यटकों तथा श्रद्धालुओं के रूप में आना होता है। बाबा भोरमदेव मंदिर में प्रत्येक वर्ष होली के बाद कृष्णपक्ष के तेरस और चौदस को महोत्सव मानाने की यहां परम्परा रही है। साथ में सावन मास में मंदिर में विशेष पूजा अर्चना भी की जाती है। यहां सावन माह में मेले का आयोजन भी होता है जिसमें देशी तथा घरेलु पर्यटकों तथा श्रद्धालुओं के रूप में शामिल होते है।
कलेक्टर ने ऐतिहासिक महत्व स्थल भोरमदेव मंदिर की भव्यता और उसके महत्व को बनाए रखने के लिए राज्य शासन के पुरातत्व विभाग और जिला प्रशासन द्वारा किए जा रहे प्रयासों की पूरी जानकारी भी दी। कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक द्वारा महोत्सव के समस्त विशेष अतिथियों को प्रतीक चिन्ह, शॉल-श्रीफल भेंटकर सम्मानित भी किया।
भोरमदेव महोत्सव में पंडवानी, कत्थक सहित छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति पर आधारित विभिन्न कार्यक्रमों की शानदार प्रस्तुतिजिला प्रशासन द्वारा आयोजित दो दिवसीय भोरमदेव महोत्सव के शुभारंभ अवसर पर बुधवार की रात छत्तीसगढ़ के ख्याति प्राप्त कलाकारों और स्कूली बच्चों द्वारा रंग-बिरंगे पोशक में जहां छत्तीसगढ़ की लोक कलाओं, लोक संस्कृति पर आधारित गीत एवं नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी।
भोरमदेव महोत्सव के पहले दिन कबीरधाम जिले के स्कूली बच्चों के सामुहिक नृत्य के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का शुभारंभ हुआ। इसके बाद रायपुर के सुप्रसिद्ध पियानों वादक श्री मोहम्मद आयान अपनी प्रस्तुति दिया। भोपाल की श्रीमती अनुराधा सिंह भारतीय संस्कृति को प्रदर्शित करती हुए कत्थक नृत्य की प्रस्तुति दी।
बोडला के रजउ साहू अपनी गुरतुर बोली कवंई के छत्तीसगढ़ की लोकगीत एवं नृत्य के साथ छत्तसगढ़ी गानों की प्रस्तुति दी। मंचीय कार्यक्रम के बाद बीच-बीच में लेजर लाईट शो की और बॉलीवुड के डांस गु्रप भी अपनी प्रस्तुति देते हुए कार्यक्रम को आगे बढ़ाया।
बॉलीवुड सिंगर ऐश्वर्या पण्डित बॉलीवुड की सुपर हिट गीतों की प्रस्तुति देकर मंच का शंमा बांधा। इसके बाद छत्तीसढ़ की प्रसिद्ध जगराता एवं लोकगीतों के गायन की प्रस्तुति देते हुए दिलीप षडंगी ने अपने चीर परचीत अंदाज में छत्तीसगढ़ की संस्कृति के साथ मां दुर्गा की अराधना जसगीत, गौरागीत सहित छत्तीसगढ़ के सुपर डुपर गानों की शानदार प्रस्तुति देकर महोत्सव का मान बढ़ाया।
उन्होनें बालीवुड सिंगर स्वर्गीय मुकेश कुमार के हिट गानों को भी गाकर लोगों को मनोरंजन कराया। जिला प्रशासन द्वारा कलाकारों को पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इससे पहले भोरमदेव महोत्सव का विधिवित शुभारंभ करते हुए विशेष पिछड़ी बैगा जनजाति बैगाओं ने अपने दल के साथ बैगा नृत्य की प्रस्तुति दी।
इसके बाद मंदिर प्रागंण में 12 से 1 बजे के बीच बोड़ला ब्लॉक के चरण तिरथ, बैगा करमा नर्तक दल बारपानी के श्री मोहतु सिंह एवं साथी के द्वारा शानदार बैगा नृत्य की प्रस्तुति, रामबाई साहू द्वारा पण्डवानी, श्री रामसाय साहू के द्वारा जसगीत, धनेश विश्वकर्मा के द्वारा जसगीत, पुनीराम यादव द्वारा जय भोरमदेव बांस गीत और श्री रेवाराम चंद्रवंशी के द्वारा भजन मंडली की शानदार प्रस्तुति दी।