BIG NEWS: राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू ने जीत दर्ज की…. बनी 15 वीं राष्ट्रपति…. 75 साल में पहली बार देश में आदिवासी महिला राष्ट्रपति… कब लेगी शपथ पढ़े़….। चमन बहार
नई दिल्ली।
देश को आज 15वां राष्ट्रपति मिल गया, एनडीए की ओर से राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने जीत दर्ज की है, द्रौपदी मुर्मू भारत की नई राष्ट्रपति बन गई हैं, विपक्षी उम्मीदवार यशवंत सिनहा को हराकर वे राष्ट्रपति निर्वाचित हुई, द्रौपदी देश के राष्ट्रपति जैसे सर्वोच्च पद तक पहुंचने वाली पहली आदिवासी महिला हैं, वे 25 जुलाई को राष्ट्रपति पद का शपथ लेंगी।
द्रौपदी मुर्मू के घर पर जश्न का माहौल है और रेड कार्पेट बिछा दिया गया है. वहीं खुशी का इजहार करते हुए केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने लोक कलाकारों के साथ ठुमके लगाए।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी निवर्तमान राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के लिए शुक्रवार 22 जुलाई को शाम 5:30 बजे से दिल्ली के होटल अशोका में विदाई रात्रिभोज की मेजबानी करेंगे. इस अवसर पर प्रधानमंत्री, उपराष्ट्रपति, लोकसभा अध्यक्ष सहित सभी लोकसभा राज्यसभा के सदस्य मौजूद रहेंगे।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला विदाई भाषण देंगे. इस दौरान रामनाथ कोविंद को सदस्यों की ओर से एक प्रशस्ति पत्र, एक स्मृति चिन्ह और सांसदों द्वारा हस्ताक्षरित एक हस्ताक्षर पुस्तिका भी भेंट की जाएगी।
द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 को ओडिशा के मयूरभंज जिले के बैदापोसी गांव में हुआ था, उनके पिता का नाम बिरंची नारायण टुडू है. वे एक आदिवासी जातीय समूह संथाल परिवार से ताल्लुक रखती हैं।
ओडिशा के आदिवासी परिवार में जन्मीं द्रौपदी मुर्मू झारखंड की नौवीं राज्यपाल बनी थीं. वे राजनीतिज्ञ होने के अतिरिक्त अनुसूचित जनजाति समुदाय से आती हैं. वे राज्यपाल बनने से पहले भारतीय जनता पार्टी की सदस्य रही हैं।
द्रौपदी मुर्मू साल 2000 में गठन के बाद से पांच साल का कार्यकाल (2015-2021) पूरा करने वाली झारखंड की पहली राज्यपाल हैं. उन्हें साल 2007 में सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए ‘नीलकंठ पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था, द्रौपदी मुर्मू ओडिशा में दो बार विधायक तथा एक बार राज्यमंत्री के रूप में काम कर चुकी हैं ।
वे साल 2000 और 2004 में ओडिशा के रायरंगपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक थीं, वे साल 2015 में झारखंड के राज्यपाल के रूप में शपथ लेने वाली पहली महिला थीं , उन्होंने राजनीति एवं समाज सेवा में लगभग दो दशक बिताए हैं।
उन्होंने साल 1997 में रायरंगपुर नगर पंचायत में एक पार्षद के रूप में अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया, वे बाद में रायरंगपुर राष्ट्रीय सलाहकार परिषद की उपाध्यक्ष बनीं, वे साल 2013 में पार्टी के एसटी मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य के पद तक पहुंचीं।