भारतीय रेलवे के लिए ऐतिहासिक रहा…रेलवे की कवच टेक्नोलॉजी का परीक्षण सफल रहा….. जब दो ट्रेनों को आपस में टकराने की कोशिश की गई तो ये ट्रेनें अपने आप रुक गई…
नई दिल्ली।भारतीय रेलवे लगातार अपनी सेवाओं और तकनीकी को डेवलेप करती रहता है, आज का दिन भी रेलवे के लिए बेहद ऐतिहासिक रहा है,आज रेलवे दो ट्रेनों की फुल स्पीड में टक्कर कराने की कोशिश की, लेकिन रेलवे की कवच टेक्नोलॉजी ने दोनों ट्रेनों को टक्कर होने से पहले रोक दिया, इस दौरान एक ट्रेन में खुद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव मौजूद होंगे तो दूसरी में रेलवे बोर्ड के चेयरमेनस्वदेशी टेक्नोलॉजी कवच का हुआ परीक्षण दरअसल, रेलवे आज स्वदेशी ट्रेन टक्कर सुरक्षा टेक्नोलॉजी ‘कवच’ का परीक्षण किया।
ये परीक्षण सिकंदराबाद में किया गया,इसमें दो ट्रेनें पूरी रफ्तार के साथ विपरीत दिशा से एक दूसरे की ओर बढ़ी, लेकिन ‘कवच’ के कारण ये दोनों ट्रेन टकराई नहीं। रेलवे अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी है, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव सनतनगर-शंकरपल्ली मार्ग पर सिस्टम के परीक्षण का हिस्सा बनने के लिए सिकंदराबाद पहुंचें कई साल की रिसर्च के बाद डेवलेप हुई है टेक्नोलॉजीरेल मंत्रालय ने कई साल की रिसर्च के बाद ये टेक्नोलॉजी डेवलेप की है, भारतीय रेलवे द्वारा विकसित इस कवच टेक्नोलॉजी को दुनिया की सबसे सस्ती स्वचालित ट्रेन टक्कर सुरक्षा प्रणाली माना जा रहा है, ‘जीरो एक्सीडेंट’ के लक्ष्य को प्राप्त करने में यह टेक्नोलॉजी रेलवे की मदद करेगी।
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि लाल सिग्नल पार होते ही ट्रेन में अपने आप ब्रेक लग जाएगा. साथ ही, पांच किलोमीटर के दायरे में सभी ट्रेन बंद हो जाएंगी,इसके अलावा पीछे से आने वाली ट्रेन को भी कवच बचा लेगा,ऐसा काम करेगा सिस्टमअधिकारियों के मुताबिक ड्राइवर से इसी प्रकार की चूक होने पर कवच पहले ऑडियो-वीडियो के माध्यम से अलर्ट करेगा,कोई रेस्पॉस नहीं होने पर ट्रेन में ऑटोमेटिक ब्रेक लग जाएंगे, इसके साथ ही ये सिस्टम ट्रेन को फिक्सड सेक्शन स्पीड से ज्यादा तेजी से नहीं चलने देगा, कवच में आरएफआईडी डिवाइस ट्रेन के इंजन के भीतर, सिग्नल सिस्टम, रेलवे स्टेशन पर लगाए जाएंगे, कवच टेक्नोलॉजी GPS, रेडियो फ्रीक्वेंसी जैसे सिस्टम पर काम करेगी।