छत्तीसगढ़ : जामताड़ा गैंग के पांच आरोपी गिरफ्तार… एजेंट बनकर खातों के पैसे उड़ाए… लाखों का लगाया चूना… फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़….। चमन बहार

Chhattisgarh: Five accused of Jamtara gang arrested… Being agents, embezzled money from accounts… Lakhs were swindled… Fake call center busted….

रायपुर।

फर्जी गूगल कस्टमर केयर (जामताड़ा) गिरोह के 05 अंर्तराज्यीय ठग को गिरफ्तार किया गया है। बैंक खातों में लिंक मोबाईल नम्बर को अपडेट करने तथा विभिन्न रिमोट एक्सेस एप डाउनलोड कराकर लोगों को अपने झांसे में लेकर देश भर में ठगी करते है। आरोपियों द्वारा थाना पण्डरी एवं पुरानी बस्ती में दर्ज प्रकरण के चारों प्रार्थियों से कुल 19,54,040/- रूपये की ठगी किये है। फर्जी गूगल कस्टमर केयर के नाम पर क्विक सपोर्ट, टीम व्यूवर एवं एनीडेस्क सहित अन्य एप डाउनलोड कराकर ठगी की घटनाओं को अंजाम देते है। गिरफतार आरोपियों में 04 जामताड़ा, देवघर झारखण्ड व 01 आरोपी जालोर राजस्थान के निवासी है।

आरोपियान दुर्गापुर पश्चिम बंगाल में एक मकान में ठगी की घटनाओं को अंजाम देते थे। झारखण्ड के गिरीडीह, देवघर, धनबाद एवं जामताड़ा एरिया पूरे देशभर में सायबर क्राईम करने के नाम से प्रसिद्ध है। आरोपियों के कब्जे से घटना से संबंधित 16 नग मोबाईल फोन, विभिन्न कम्पनियों के 151 नग सिम कार्ड एवं अलग- अगल बैंको के 11 नग ए.टी.एम. कार्ड जप्त किया गया है। आरोपियों के द्वारा गुजरात, यू0पी0, बिहार एवं वेस्ट बंगाल में भी ठगी को अंजाम दिया है।

अशोका हाईट्स मोवा रायपुर के रहने वाले सुदर्शन जैन ने थाना पण्डरी में शिकायत दर्ज कराई की उसके आई.सी.आई.सी.आई, आई.डी.एफ.सी, क्रेडिट कार्ड एवं फोन पे एप में उसका मोबाईल नम्बर लिंक है। अज्ञात मोबाईल नम्बर के धारक द्वारा ओ.टी.पी जानने के लिये फोन आया जिस पर प्रार्थी द्वारा बैंक में इसकी शिकायत दी गई, जिस पर बैंक द्वारा प्रार्थी को रजिस्टर्ड मोबाईल फोन नम्बर बदलने का सुझाव दिया गया। फोन पे एप में अपना रजिस्टर्ड मोबाईल फोन नम्बर बदलने के लिये गूगल में सर्च कर कस्टमर केयर का मोबाईल नम्बर प्राप्त किया।

प्रार्थी द्वारा मोबाईल नम्बर पर फोन लगाने पर उक्त मोबाईल फोन नम्बर के अज्ञात धारक द्वारा प्रार्थी को फोन पे एप में नम्बर बदलने हेतु मोबाईल फोन में फे-सपोर्ट नामक एप डाउनलोड करने को कहा, जिस पर प्रार्थी द्वारा उक्त अज्ञात मोबाईल फोन के धारक के कहे अनुसार अपने मोबाईल फोन में फै-सपोर्ट एप डाउनलोड किया एवं उसके बताये अनुसार प्रोसेस करने लगा। इसी दौरान प्रार्थी को उसके मोबाईल फोन पर उसके एच.डी.एफ.सी बैंक खाते एवं क्रेडिट कार्ड, आई.डी.एफ.सी क्रेडिट कार्ड तथा इंडसइंड बैंक क्रेडिट कार्ड से अलग-अलग किश्तों में कुल 14,49,041/- रूपये का ऑनलाईन आहरण होने की जानकारी प्राप्त हुई।

इस प्रकार अज्ञात व्यक्ति द्वारा प्रार्थी के साथ फै-सपोर्ट नामक एप डाउनलोड करा उससे लाखों रूपये की ठगी की गई है। जिस पर अज्ञात आरोपी के विरूद्ध थाना पण्डरी में अपराध क्रमांक 14/2023 धारा 420 भादवि. का अपराध पंजीबद्ध किया गया। प्रार्थी सुभाष चंद्र ने थाना पण्डरी में रिपोर्ट दर्ज कराया कि वह अशोका रतन शंकर नगर रायपुर में रहता है तथा एस.के.एस इस्पात एडं पावर लिमिटेड सिलतरा रायपुर में जनरल मैनेजर के पद पर कार्यरत है।

अज्ञात मोबाईल नंबर धारक द्वारा प्रार्थी केे मोबाईल फोन में ओटीपी भेजकर तथा मोबाईल फोन में एनीडेस्क एप डाउनलोड कराकर प्रार्थी के बैंक खाते से 1,92,201/- रूपये का ठगी किया था। जिस पर अज्ञात आरोपी के विरूद्ध थाना पण्डरी में अपराध क्रमांक 51/2023 धारा 420 भादवि. का अपराध पंजीबद्ध किया गया।

संध्या काबरा ने थाना पण्डरी में रिपोर्ट दर्ज कराया कि वह अशोका रतन रायपुर में रहती है। प्रार्थिया द्वारा एचडीएफसी बैंक से क्रेडिट कार्ड प्राप्त करने हेतु आॅनलाईन आवेदन दिया गया था। प्रार्थिया के मोबाईल नंबर पर अज्ञात मोबाईल नंबर धारक द्वारा फोन कर कहा गया कि आपका क्रेडिट कार्ड अभी तक नहीं आया है तथा प्राप्त करने हेतु एनीडेस्क एप डाउनलोड करने कहा जिस पर प्रार्थिया द्वारा अपने मोबाईल फोन पर एनीडेस्क एप डाउनलोड किया। प्रार्थिया अज्ञात मोबाईल नम्बर के धारक द्वारा बताये अनुसार प्रोसेस करने पर उसके एचडीएफसी बैंक खाता से अलग-अलग किश्तों में कुल 2,12,798/- रूपये आहरण होने की जानकारी प्राप्त हुई। इस प्रकार अज्ञात मोबाईल नम्बर के धारक द्वारा प्रार्थिया को एनीडेस्क एप डाउनलोड कराकर उससे लाखों रूपये की ठगी की गई। जिस पर अज्ञात आरोपी के विरूद्ध थाना पण्डरी में अपराध क्रमांक 295/22 धारा 420 भादवि. का अपराध पंजीबद्ध किया गया।

विवरण – प्रार्थी केदार प्रधान ने थाना पुरानी बस्ती में रिपोर्ट दर्ज कराया कि वह कुशालपुर पुरानीबस्ती में रहता है तथा दिनांक 14.12.2022 को अज्ञात एच.डी.एफ.सी बैंक के खाता धारक द्वारा प्रार्थी के उड़ीसा स्थित एस.बी.आई. बैंक के खाते से 1,00,000/- रूपये का आॅनलाईन आहरण कर ठगी किया गया। जिस पर अज्ञात अरोपी के विरूद्ध थाना पुरानी बस्ती में अपराध क्रमांक 551/22 धारा 420 भादवि. का अपराध पंजीबद्ध किया गया।

वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में प्रार्थी सुदर्शन जैन के साथ ठगी की घटना घटित होने के उपरांत पूर्व में एण्टी क्राईम एण्ड साईबर यूनिट की साईबर विंग द्वारा घटना के संबंध में प्रार्थी से विस्तृत पूछताछ कर लेन-देन एवं अन्य समस्त जानकारियां प्राप्त करते हुए जिन खातों में आवेदक द्वारा रकम स्थानांतरण किया गया था उनकी जानकारी प्राप्त कर साईबर विंग द्वारा प्रार्थी के खाते में कुल 11,00,000/- रूपये वापस (रिफण्ड) कराया जा चुका है।

चूंकि उक्त दोनों घटनायें गंभीर प्रवृत्ति की होने से घटना को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल द्वारा गंभीरता से लेते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर/अपराध अभिषेक माहेश्वरी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पश्चिम देव चरण पटेल, नगर पुलिस अधीक्षक पुरानी बस्ती राजेश चैधरी, नगर पुलिस अधीक्षक सिविल लाईन वीरेन्द्र चतुर्वेदी, उप पुलिस अधीक्षक क्राईम दिनेश सिन्हा, प्रभारी एण्टी क्राईम एण्ड साईबर यूनिट, थाना प्रभारी पुरानी बस्ती तथा थाना प्रभारी पण्डरी को अज्ञात आरोपियों की पतासाजी कर जल्द से जल्द गिरफ्तार करने निर्देशित किया गया।

वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में एण्टी क्राईम एण्ड साईबर यूनिट तथा थाना पण्डरी पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा घटना के संबंध में प्रार्थी टीम के सदस्यों द्वारा घटना के संबंध में प्रार्थिया से विस्तृत पूछताछ किया गया। टीम के सदस्यों द्वारा जिस मोबाईल नंबरों से प्रार्थी के मोबाईल फोन पर किया गया था, उन मोबाईल नंबरों का तकनीकी विश्लेषण करने के साथ ही जिन खातों में रकम स्थानांतरित किये गये थे, उन खातों के संबंध में भी संबंधित बैंकों से दस्तावेज व जानकारी प्राप्त की जाकर अज्ञात आरोपी को चिन्हांकित करने के प्रयास किये जा रहे थे।

इसी दौरान अज्ञात आरोपी की गिरफ्तारी में लगी टीम को मोबाईल नंबरों तथा दस्तावेजो का लगातार विश्लेषण करते हुये अंततः आरोपी को चिन्हांकित करने में सफलता मिली तथा आरोपियों को पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में लोकेट किया गया। जिस पर टीम के सदस्यों को पश्चिम बंगाल रवाना किया गया। टीम के सदस्यों द्वारा दुर्गापुर (पश्चिम बंगाल) पहुंचकर लगातार कैम्प करते हुए आरोपियों की पड़ताल करने पर यह सुनिश्चित हुआ कि आरोपियों द्वारा बहुत ही सर्तकता से अपनी स्वयं की पहचान छिपाते हुये इस तरह की ठगी की वारदात को अंजाम दिया गया है।

आरोपियों द्वारा उपयोग किये गये मोबाईल नंबर फर्जी होने के साथ ही बैंक खातों के पते भी दूसरे स्थानों के थे। आरोपियों द्वारा उन मोबाईल नंबरों एवं खातों का उपयोग सिर्फ और सिर्फ ठगी की वारदात को कारित करने के लिए किया गया था। पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में कैम्प कर रही टीम को तकनीकी विश्लेषण के आधार पर आरोपियों के दुर्गापुर स्थित एक मकान में होने की जानकारी प्राप्त हुई जिस पर टीम के सदस्यों द्वारा उक्त मकान में रेड कार्यवाही की गई मकान में पांच व्यक्ति उपस्थित थे।

पूछताछ में व्यक्तियों ने अपना नाम एम.डी. आलम, दिनेश राय, प्रकाश राजवार, महेन्द्र सिंह तथा रोहित कुमार यादव निवासी देवघर झारखण्ड का होना बताया गया। घटना के संबंध में कड़ाई से पूछताछ करने पर उनके द्वारा उक्त ठगी की घटनाओं को कारित करने के अलावा देशभर में मोबाईल नम्बर अपडेट करने के नाम पर अलग-अलग लोगोें को अपना शिकार बनाते हुए लाखों रूपए की ठगी करना बताया गया।

जिस पर टीम के सदस्यों द्वारा पांचों आरोपियों को गिरफ्तार उनके कब्जे से घटना से संबंधित 16 नग मोबाईल फोन, विभिन्न कम्पनियों के 151 नग सिम कार्ड एवं अलग- अलग बैंको के 11 नग ए.टी.एम. कार्ड जप्त कर आरोपियों को ट्रांजिस्ट रिमाण्ड पर दुर्गापुर (पश्चिम बंगाल) से रायपुर लाया गया है।

गिरफ्तार आरोपीगण….

01. एम.डी. आलम पिता पांचूमिया उम्र 33 साल निवासी झारखण्ड हाल पता विधान नगर निरामोय हाॅस्पिटल के पास दुर्गापुर (पश्चिम बंगाल)।

02. दिनेश राय पिता भोलानाथ उम्र 21 साल निवासी झारखण्ड हाल पता विधान नगर निरामोय हाॅस्पिटल के पास दुर्गापुर (पश्चिम बंगाल)।

03. प्रकाश राजवार पिता देवी राजवार उम्र 30 साल निवासी झारखण्ड हाल पता विधान नगर निरामोय हाॅस्पिटल के पास दुर्गापुर (पश्चिम बंगाल)।

04. महेन्द्र सिंह पिता प्रताप सिंह उम्र 28 साल निवासी राजस्थान हाल पता प्रत्युंजय हाउसिंग बी-20 मुटीपारा दुर्गापुर (पश्चिम बंगाल)।

05. रोहित कुमार यादव पिता प्रभाकर यादव 23 साल निवासी देवघर झारखण्ड हाल पता विधान नगर निरामोय हाॅस्पिटल के पास दुर्गापुर (पश्चिम बंगाल)।

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