छत्तीसगढ़-बिजली महंगी: घरेलु बिजली हुई अब महंगी प्रति यूनिट इतने की बढ़ोतरी…. जानिए कितना फर्क पढ़ेगी.. पढ़े पूरी खबर…

रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन, पारेषण, वितरण कम्पनी एवं राज्य भार प्रेषण केन्द्र के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 हेतु वार्षिक राजस्व आवश्यकता एवं उपभोक्ताओं हेतु विद्युत दरों के निर्धारण की घोषणा कर दी गई है। घरेलू उपभोक्ताओं के विद्युत दरों में 10 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है। अन्य सभी विद्युत उपभोक्ताओं की दरों में 15 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है। 220kV एवं 132 KV के उच्च दाब स्टील उद्योगों के दरों में 5 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है। HV-5 श्रेणी के अन्तर्गत आने वाले पोहा एवं मुरमुरा मिल को वर्तमान टैरिफ में ऊर्जा प्रभार में 5 प्रतिशत की छूट दी जा रही है। इसी प्रावधान को LV-S श्रेणी के पोहा एवं मुरमुरा मिल पर लागू करते हुए उन्हें भी 5 प्रतिशत की छूट दी गई है।

छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी ने विगत वर्षों के रू.246 करोड़ राजस्व घाटे की मांग की है जिसे आयोग ने मंजूरी दे दी है। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत पारेषण कंपनी ने विगत वर्षों के रू.36 करोड़ के राजस्व घाटे की मांग की थी परंतु आयोग ने इसके स्थान पर रू.96 करोड़ राजस्व आधिक्य का अनुमोदन किया है।

पूर्व वर्षों के घाटे और वर्ष 2022-23 के लिए बिजली की अनुमानित बिक्री पर प्रचलित टैरिफ से अनुमानित राजस्व के आधार पर छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी (सीएसपीडीसीएल) ने रू. 725 करोड राजस्व घाटे का दावा किया है। संपूर्ण विश्लेषण उपरान्त आयोग ने रू. 725 करोड़ के घाटे के स्थान पर रू. 108 करोड़ को ही मान्य किया है।

राज्य के स्वामित्व वाली तीनों विद्युत कंपनियों द्वारा अपने टैरिफ याचिका में प्रस्तुत आँकड़ों के आधार पर वर्ष 2022-23 के लिए रू. 1004 करोड़ के राजस्व घाटे की आपूर्ति का प्रस्ताव दिया था जिसके स्थान पर आयोग ने रू.386 करोड़ राजस्व घाटे का अनुमोदन किया है।

विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा मांग की गई वार्षिक राजस्व आवश्यकता रूपये 19336.76 करोड़ को घटाकर रूपये 17115.85 करोड़ मान्य किया गया है। उपरोक्तानुसार वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए आयोग द्वारा आकलित औसत विद्युत लागत दर रूपये 6.22/- निर्धारित होती है।

वर्ष 2021-22 की प्रचलित दर से औसत विद्युत बिलिंग दर रू.6.08/- आती है जो कि आकलित औसत विद्युत लागत दर रूपये 6.22/- से 14 पैसे कम है।

अतः इस कमी की भरपाई के लिए औसत 14 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की आवश्यकता है। राज्य की विद्युत कंपनियों द्वारा प्रस्तावित कुल राजस्व घाटे रू.1004 करोड़ की भरपाई की जाती तो टैरिफ में औसतन 5.39 प्रतिशत की वृद्धि करने की आवश्यकता पड़ती।

परंतु राज्य की विद्युत कंपनियों द्वारा प्रस्तावित राजस्व घाटे रूपये 1004 करोड़ के स्थान पर आयोग द्वारा राजस्व घाटा रूपये 386 करोड़ मान्य किया गया है तदनुसार वर्तमान प्रचलित दर से विद्युत दरों में औसत 2.31 प्रतिशत की वृद्धि अनुमोदित की गई है।

ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा प्रदाय करने वाली संस्था राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों, बस्तर एवं दक्षिण क्षेत्र आदिवासी विकास प्रधिकरण तथा सरगुजा एवं उत्तर क्षेत्र विकास प्राधिकरण में संचालित अस्पताल, नर्सिंग होम एवं डायग्नोस्टिक सेंटर के लिए प्रचलित विद्युत दरों के ऊर्जा प्रभार में दी जा रही 7 प्रतिशत की छूट को जारी रखा गया है।

गैर घरेलू उपभोक्ता पर्यावरण संरक्षण को प्रोत्साहित करने के लिए इलेक्ट्रीकल व्हीकल चार्जिंग इकाईयों हेतु इलेक्ट्रीकल व्हीकल चार्जिंग की विद्यमान टैरिफ रूपये 5/- प्रति यूनिट जारी रखा गया है।

महिला सशक्तिकरण हेतु पंजीकृत महिला स्वसहायता समूहों द्वारा संचालित कृषि एवं संबंधित गतिविधियों और व्यवसायिक गतिविधियों को ऊर्जा प्रभार में 10 प्रतिशत की छूट जारी रखी गई है।

राज्य के नक्सलवाद प्रभावित दूरस्थ जिलों में संचार व्यवस्था को सुदृढ़ कर मोबाईल संपर्क की सुविधा को विस्तारित करने के लिए नये मोबाईल टॉवर की स्थापना को प्रोत्साहित करने हेतु 01.04.2019 के पश्चात् लगने वाले मोबाईल टॉवर के ऊर्जा प्रभार में 50 प्रतिशत की छूट को जारी रखी गई है।

निम्नदाब उद्योग निम्न दाब पर विद्युत प्राप्त करने वाले पोहा एवं मुरमुरा मिलों को प्रचलित ऊर्जा प्रभार में 5 प्रतिशत की छूट प्रदान की गई है। उच्चदाब उपभोक्ता रक्षा स्थापना (डिफेंस स्टेब्लिसमेंट) को ऊर्जा प्रभार में 15 प्रतिशत की रियायत जारी रखी गई है। उच्च दाब पर विद्युत प्राप्त करने वाले पोहा एवं मुरमुरा मिलों को प्रचलित ऊर्जा प्रभार में 5 प्रतिशत की छूट जारी रखी गई है।

HV-3 श्रेणी के अन्तर्गत आने वाले टैक्सटाइल उद्योग के साथ पॉवरलूम हैण्डलूम, जूट इण्डस्ट्री एवं इथेनॉल उद्योग को ऊर्जा प्रभार में 25 प्रतिशत की छूट दिए जाने का प्रावधान किया गया है।

33 के.वी. तक के उच्च दाब पर विद्युत प्राप्त करने वाले स्वतंत्र लघु ऑक्सिजन संयंत्र को ऊर्जा प्रभार में दी जा रही 10 प्रतिषत की छूट को वर्तमान आदेश में भी यथावत रखा गया है। सभी उच्चदाब स्टील उपभोक्ता श्रेणी को वर्तमान में दी जाने वाली लोड फेक्टर इंसेंटिव को जारी रखा गया है।

साथ ही 1 मेगावॉट से अधिक क्षमता के कैप्टिव प्लान्ट को भी लोड फैक्टर इन्सेटिव हेतु सम्मिलित कर लिया गया है। टीओडी की दरों को यथावत जारी रखा गया है।

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