CG- ऑनलाइन नामान्तरण : शून्य संसाधन में जटिल से जटिलतम की ओर…। चमन बहार
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Online Transitioning : From Complex to Complex in Zero Resources.
रायपुर।
ज्ञात हो कि शासन द्वारा नामान्तरण प्रक्रिया सरलीकरण के चलते सभी पंजी को ऑनलाइन कर दिया गया है, जिसमें नागरिकों को प्रमाणीकरण हेतु माध्यम राजस्व न्यायालय अथवा ग्राम पंचायत चुनने का अधिकार दिया गया है । इसे शासन द्वारा सरलीकरण कहा जा रहा है ।
उपरोक्त वर्णित सरलीकरण क्या वास्तव में सरल है ? जहाँ पहले नामांतरण पंजी के एक पृष्ठ में दर्ज कर पीठासीन के एक हस्ताक्षर से पटवारी द्वारा अभिलेख दुरुस्त किया जाता था, वहीं दूसरी ओर वर्तमान प्रक्रिया में ऑनलाइन प्रकरण प्राप्त होने तक का प्रोसेस भी सभी अधिकारियों के समझ के बाहर है, तत्पश्चात पटवारी द्वारा प्रतिवेदन लिखकर ऑनलाइन अपलोड करना और उस प्रतिवेदन के लिए कई बिन्दुओ पर जाँच, फिर इश्तहार नोटिस के लिए पीठासीन को बार बार याद दिलाना, तदुपरांत इश्तहार नोटिस प्रिंट कर तामील करा कर पावती उपलोड करना । फिर पेशी समय आने पर ऑनलाइन पास कराना ।
यह पूरी प्रक्रिया पहले से ज्यादा क्लिष्ट और महंगा है, जिसमें अधिक संसाधन और समय की आवश्यकता है। संशोधनों के नदारद होने के बावजूद ऐसे कार्य को लादना एक तरह से किसानों की परेशानियों को बढ़ाता है । प्रक्रिया सरल न होकर पहले से अधिक जटील हो गई है । अत्यधिक संसाधन और तेज इंटरनेट, प्रिंटर, स्कैनर से लैस ऑफिस में लिए गए यह निर्णय जमीनी कर्मचारियों के लिए किसी युद्ध से कम नहीं है।