CG: कांस्टेबल गिरफ्तार…. नौकरी लगाने के नाम पर लाखों की ठगी… कारनामे जान रह जायेगें हैरान…। चमन बहार
CG: Constable arrested…. Fraud of lakhs in the name of providing jobs… You will be surprised by the exploits…
छत्तीसगढ़ में नौकरी लगाने के नाम पर युवाओं से 16 लाख की ठगी करने वाले आरक्षक को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपी पुलिस मुख्यालय सीआईडी शाखा में आरक्षक के पद पर तैनात था। आरोपी का नाम संजीव मिश्रा निवासी देवपुरी टिकरापारा है।
दरअसल, प्रार्थिया रीना सोनी ने थाना सिविल लाईन में रिपोर्ट दर्ज कराई कि वो पंचशील नगर में रूबी ब्यूटी पार्लर का संचालन करती है। प्रार्थिया के ब्यूटी पार्लर में संजीव मिश्रा नामक व्यक्ति आता-जाता रहता था। आरोपी खुद को पुलिस विभाग में बड़े पद में होना बताया। इसी दौरान आरोपी ने बताया कि पुलिस विभाग और वन विभाग में भर्ती निकली है, जिसमें वो चाहे तो बेरोजगारों को नौकरी लगवा सकता है। आरोपी ने इसके एवज में कुछ रकम एडवांस भी ले लिया। इसी तरह से पीड़िता के परिचित कमलेश चंद्र ने 10 लाख, सागर ठाकुर 3 लाख और विपिन सिंह 3 लाख रूपये कुल 16 लाख दिए। रूपए देने के बाद भी पीड़ितों का चयन नहीं हुआ तब आरोपी संजीव मिश्रा से फोन के माध्यम से संपर्क किया गया पर उसका फोन बंद मिला। इसके बाद खुद को ठगा हुआ महसूस कर पीड़ितों ने इसकी शिकायत थाना सिविल लाईन में 420 के तहत दर्ज कराया गया।
SSP प्रशांत अग्रवाल के निर्देश पर ASP अभिषेक माहेश्वरी के नेतृत्व में आरोपी संजीव मिश्रा की तलाश शुरू की गई। इस बीच पता चला कि संजीव मिश्रा पुलिस विभाग में आरक्षक है और पुलिस मुख्यालय के सीआईडी शाखा में संबद्ध है जो वर्तमान में निलंबित है तथा गैरहाजिर है एवं जिसकी मूल पदस्थापना इकाई जिला दुर्ग है। टीम के सदस्यों द्वारा आरोपी निलंबित आर संजीव मिश्रा को गिरफ्तार किया गया।
आरोपी निलंबित आर. संजीव मिश्रा के विरूद्ध जिला रायपुर के थाना टिकरापारा में अपराध क्रमांक 34/2022 धारा 109, 505(1), 120(बी) भादवि. तथा पुलिस द्रोह उद्दीपन अधिनियम की धारा 03, जिला नारायणपुर के थाना कोतवाली के अपराध क्रमांक 07/2022 धारा 120(बी), 505(1)(बी) भादवि., जिला बीजापुर के थाना कोतवाली के अपराध क्रमांक 05/2022 धारा 120(बी), 505, 34, 124ए भादवि. तथा पुलिस द्रोह उद्दीपन अधिनियम की धारा 3, 04 तथा जिला सुकमा के थाना सुकमा के अपराध क्रमांक 03/2022 धारा 505(1)(बी) भादवि. तथा पुलिस द्रोह उद्दीपन अधिनियम की धारा 3 दर्ज है जिसमें आरोपी पूर्व में भी जेल जा चुका है।