ब्रेकिंग : केंद्र सरकार ने सौम्या चौरसिया को IAS अवार्ड देने से किया इंकार… IT-ED की हो सकती बड़ी कार्रवाई….। चमन बहार
Central government refused to give IAS award to Saumya Chaurasia… IT-ED may take big action.
नई दिल्ली।
मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध वसूली से जुडी IT-ED की जाँच में फंसी छत्तीसगढ़ राज्य सेवा 2005 बैच की डिप्टी कलेक्टर सौम्या चौरसिया को केंद्र सरकार ने IAS अवार्ड देने के मामले में बाहर का रास्ता दिखा दिया है। उसने छत्तीसगढ़ की सुपर सीएम को IAS के लिए अयोग्य मानते हुए उसका साइटेशन ख़ारिज कर दिया है।
सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि केंद्र ने सौम्या चौरसिया के आपराधिक कृत्यों को गंभीर बताते हुए राज्य सरकार को उसके खिलाफ वैधानिक कार्यवाही के लिए भी कहा है। सूत्रों के मुताबिक DOPT में छत्तीसगढ़ के अलावा आधा दर्जन अन्य राज्यों के ऐसे ही दागी दो अन्य अफसरों के भी IAS बनने के सपनो पर पानी फेर दिया है।
उधर रायपुर में IT-ED के छापे में बरामद तमाम साक्ष्यों को लेकर सौम्या चौरसिया और रायगढ़ कलेक्टर रानू साहू समेत अन्य संदेहियों से पूछताछ जारी है। बताया जा रहा है कि केंद्रीय एजेंसियां जल्द ही एक बड़ी कार्यवाही की ओर बढ़ रही है। कोयला दलाल सूर्यकांत तिवारी के लगभग दो दर्ज़न साथियो,कारोबारियों,हिस्सेदारों और मनी लॉन्ड्रिंग में सहायता करने वालो से ED पूछताछ समाप्त कर चुकी है।
सूत्र बताते है कि अब एजेंसियां एक बड़ी कार्यवाही की तैयारी में है।ऐसे समय मुख्यमंत्री कार्यालय में उपसचिव के पद पर तैनात सौम्या चौरसिया का IAS बनने का चकनाचूर हुआ सपना सुर्ख़ियों में है।
सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय में इन दिनों एक बार फिर CDR को लेकर माथा-पच्ची हो रही है। सूत्र बताते है कि राज्य, CDR के लिए पर्याप्त संख्या में अधिकारियों को प्रायोजित नहीं कर रहे हैं। इससे सेवा नियमों में बदलाव को प्रेरित किया गया है। बताते है कि नौ राज्यों- ओडिशा, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, झारखंड और राजस्थान ने प्रस्तावित संशोधनों पर आपत्ति जताई है। जबकि अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, त्रिपुरा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश ने अपनी सहमति दे दी है।
बताया जा रहा है कि,केंद्र सरकार IAS कैडर कानून में बदलाव पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से मिली टिप्पणियों की जांच को अब अंतिम रुप दे रही है, जो नौकरशाहों की केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से संबंधित मामलों पर राज्यों को शक्ति कम करने की मांग करता है। हालांकि इसको लेकर अभी केंद्र ने कोई फैसला नहीं लिया है। मौजूदा नियम IAS अधिकारियों की केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर राज्यों को आपसी परामर्श की अनुमति देते हैं।
DOPT ने बीते साल दिसंबर में IAS (कैडर) नियम,1954 में बदलाव का प्रस्ताव दिया था, जो केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर अधिकारियों की मांग के लिए केंद्र के अनुरोध को रद्द करने के लिए राज्यों की शक्ति को छीन लेगा. इसके लिए केंद्र की ओर से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश से टिप्पणी मांगी गई थी |