CG हड़ताल ब्रेकिंग :कल से खत्म हो सकती है हड़ताल ? कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन की बैठक आज… । चमन बहार

रायपुर ।

कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन की बैठक आज 1 सितंबर को होगी। हड़ताल लंबी चलेगी या फिर खत्म होगी ? ये आज की बैठक में तय हो जायेगा। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन की ये बैठक 1 सितंबर को शंकर नगर रायपुर स्थित प्रदेश राजपत्रित अधिकारी संघ के कार्यालय में दोपहर 2 बजे से होगी।

पिछले 10 दिनों से चली आ रही हड़ताल आज खत्म हो सकती है। आज दोपहर बाद कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन की बड़ी बैठक होने जा रही है। इस बैठक में हड़ताल को लेकर औपचारिक ऐलान किया जायेगा। इससे पहले कल मुख्यमंत्री की अपील के बाद से ही कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने नरम रूख दिखाया था।

आपको बता दें कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अपील के बाद कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन की बुधवार को पूरे दिन छोटी-बड़ी बैठकें होती रही। जिसके बाद आज बैठक को लेकर निर्णायक फैसले की उम्मीद की जा रही है।

इससे पहले चीफ सिकरेट्री अमिताभ जैन के साथ भी कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के डेलीगेशन की मुलाकात हो चुकी थी। करीब 30 मिनट की मुलाकात में कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के डेलीगेशन ने महंगाई भत्ता और HRA को लेकर अपनी स्थिति बता दी थी।

हड़ताल में जुटे कई कर्मचारियों का यह कहना है अब वापस लौटना वह भी बिना किसी सौगात के सही नहीं होगा और इससे भविष्य में आंदोलन खड़ा करने की उम्मीदें नेस्तनाबूद हो जाएंगी। इधर आंदोलन संचालित कर रहे फेडरेशन के नेताओं की भी अपनी दिक्कतें हैं क्योंकि मुख्यमंत्री के रुख को देखते हुए लगता नहीं कि फिलहाल सरकार झुकेगी, ऐसे में बिना संवाद के हड़ताल को जारी रखना भी किसी मुसीबत से कम नहीं है।

मुख्यमंत्री ने कल एयरपोर्ट पर फिर इस बात को दोहराया कि मुझसे बात करके ही तो हड़ताल में गए हैं इसका सीधा सा मतलब है कि मुख्यमंत्री इस बात को लेकर नाराज हैं और फिलहाल मुलाकात की गुंजाइश न के बराबर है चूंकि वित्त विभाग मुख्यमंत्री के पास ही है इसलिए इस संबंध में जो भी निर्णय लिया जाना है वह मुख्यमंत्री द्वारा ही लिया जाना है और तमाम प्रयासों के बाद भी मुख्यमंत्री से फेडरेशन की मुलाकात नहीं हो सकी है।

ऐसे में आगे भी इसकी संभावना कम है और हड़ताल खत्म होने के बाद ही मुख्यमंत्री कर्मचारी नेताओं से मिलने की बात कह चुके हैं। कुल मिलाकर कर्मचारी फेडरेशन के नेताओं के सामने बड़ा धर्म संकट है क्योंकि जिन से बात करके कुछ हासिल होना है वह बात करने को तैयार नहीं है और जिनके बलबूते हड़ताल हो रहा है वह हड़ताल को और अधिक लंबा खींचना चाहते हैं और किसी भी हाल में बिना किसी सौगात के लौटना नहीं चाहते हैं।

ऐसे में यदि हड़ताल को आगे बढ़ाया जाता है तो सरकार के साथ सीधे टकराव की स्थिति है और यदि नहीं बढ़ाया जाता है तो वह तमाम कर्मचारी नाराज हो सकते हैं जो फेडरेशन के बुलावे पर हड़ताल में थे।

इधर जो हड़ताल से बाहर हैं उनकी भी यह अप्रत्यक्ष कोशिश है की हड़ताल जारी रहे क्योंकि इससे उन्हें अपना हिसाब बराबर करने का मौका मिलेगा , जिन संगठनों ने हड़ताल का खुलकर विरोध किया है उन्हें मंच से भी खूब जमकर कोसा गया है और ऐसे ऐसे शब्दों का उपयोग किया गया है जो आमतौर पर सार्वजनिक मंच से सुनाई नहीं पड़ते। कुल मिलाकर आज का दिन सरकार के लिए, फेडरेशन के लिए के लिए बड़ा दिन है। क्योंकि आज हड़ताल पर निर्णायक फैसला आने की पूरी संभावना है ।

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