CG: नये साल की शुरूआत, मिलेगी इस जिले को कई नई सौगात….अधूरे निर्माण कार्य भी होंगे पूरे…। चमन बहार
Beginning of the new year, this district will get many new gifts…. Incomplete construction works will also be completed….
बदलेगी जांजगीर-जिले की तस्वीर …नववर्ष की बधाई देते हुए कलेक्टर ने कहा जिले को देंगे नई पहचान..
जांजगीर-चांपा।
अपने जिले को विकास के साथ प्रगति की राह पर देखने का सपना संजाये जिलेवासियों को नये साल की शुरूआत के साथ ही कई बड़ी सौगाते मिलेगी। नये साल 2023 में जांजगीर-चांपा जिले में एक तरफ जहां वर्षों से अधूरे पड़े कार्य पूरे होंगे, वहीं कई नये कार्य भी पूरे हो जायेंगे। जिलेवासियों को शिक्षा, स्वास्थ्य, अधोसंरचना, मनोरंजन, पर्यावरण संरक्षण, सिंचाई, रोजगार सहित कई क्षेत्रों में बदलाव नजर आयेगा। कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा द्वारा जिले की प्रगति को लेकर किये जा रहे नए पहल और विकासमूलक कार्याें का लाभ आम नागरिकों को नए साल में मिलने लगेंगे।
जिले को देंगे नई पहचान- कलेक्टर
जिले के कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा का कहना है कि धान उत्पादन से लेकर शैक्षणिक जिला के रूप में जांजगीर-चाम्पा जिले की अपनी पहचान है। हमारा जिला विकास की राह में आगे बढ़े, राज्य स्तर पर उपलब्धि हासिल करें, इसके लिये लगातार प्रयास किया जा रहा है। शिक्षा, स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के साथ शासन की प्राथमिकता वाली योजनाओं का जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन और जरूरतमंद हितग्राहियों को लाभान्वित करना उनकी प्राथमिकता में है। उन्होंने बताया कि शासकीय कार्यालयों, स्कूलों में अधिकारी-कर्मचारियों की उपस्थिति समय पर सुनिश्चित करने के अलावा लंबित प्रकरणों का समय पर निराकरण और समस्याओं को दूर करना, अधोसंरचना विकास भी उनकी प्राथमिकता है। कलेक्टर ने नववर्ष 2023 की सभी को बधाई देते हुए जिले के विकास में सहयोग की अपील की है।
नए तहसील से राजस्व प्रकरणों का होगा आसानी से निराकरण….
इस साल जिले को चार नई तहसील भवन की सौगात मिल जाएगी। जांजगीर, सारागांव, शिवरीनारायण और बम्हनीडीह को नया तहसील कार्यालय भवन उपलब्ध होगा। नए भवन बनाने की दिशा में कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। आने वाले समय की आवश्यकताओं और वर्तमान जरूरतों को ध्यान रखकर सर्वसुविधायुक्त तहसील भवन बनाया जा रहा है। नये भवन बनने से अधिकारियों को कार्य करने में आसानी होगी, वहीं आम नागरिकों के राजस्व संबंधी प्रकरण भी तेजी से निराकृत होंगे।
नये आत्मानंद विद्यालय से बदलेगी शिक्षा व्यवस्था…
जिले को वैसे तो शिक्षा जिला के रूप में वर्षाें से पहचाना जाता है, लेकिन जिले के विद्यार्थियों को अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई के लिए कई बड़े निजी स्कूलों में जाना पड़ता है। इन निजी स्कूलों में उन्हें महंगी फीस भी देनी पड़ती है। राज्य शासन द्वारा स्वामी आत्मांनद उत्कृष्ट अंगेजी माध्यम विद्यालय प्रारंभ किये जाने के पश्चात जिले में भी पालकों और विद्यार्थियों का रूझान इन स्कूलों की ओर हुआ है। जिले के अधिकांश गरीब और जरूरतमंद विद्यार्थी स्वामी आत्मानंद जैसे विद्यालयों में अध्ययन कर सके। इसके लिए 7 नये स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय अकलतरा, बलौदा, बम्हनीडीह, नवागढ़ और पामगढ़ में 02 भी आरंभ किये जा रहे हैं। चांपा स्थित आत्मानंद विद्यालय को जिला खनिज मद से नये व सर्वसुविधायुक्त रूप में तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा जिले के 56 अन्य विद्यालयों में अतिरिक्त कक्ष की कमियों को देखते हुए नये कमरे बनाने की तैयारी चल रही है।
स्वास्थ्य सुविधाओं को बनाया जा रहा है बेहतर…
जिले में स्वास्थ्य सुविधा को बेहतर बनाने लगातार प्रयास किया जा रहा है। कलेक्टर द्वारा जिले के जिला अस्पताल से लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों का सतत निरीक्षण किया जा रहा है। इस दौरान स्वास्थ्य केन्द्रों में सुविधाओं की कमियों को देखते हुए दूर करने का प्रयास भी किया जा रहा है। कई स्थानों में जर्जर भवन अथवा सर्वसुविधायुक्त भवन की कमी होने पर नये भवन भी तैयार किये जा रहे हैं। पामगढ़, शिवरीनारायण में नये सामुदायिक भवन और अमोरा में नये प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन के माध्यम से चिकित्सा व्यवस्था को और भी बेहतर बनाया जा रहा है। इसके अलावा जिला अस्पताल में हमर लैब, पोषण पुनर्वास केन्द्र तथा चांपा स्थित स्वर्गीय बिसाहू दास महंत की स्मृति चिकित्सालय की सुविधाएं बढ़ाकर नये स्वरूप में विकसित की जा रही है।
कुपोषण को दूर कर बनाया जा रहा बच्चों का भविष्य…
आज के बच्चे, कल के भविष्य है। यदि बच्चे कुपोषित होंगे तो उनके असामयिक बीमारी और मृत्यु की संभावना बनी रहेगी। बच्चे स्वस्थ होंगे तो सुनहरा भविष्य गढ़ेंगे। कुछ ऐसी ही सोच के साथ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रदेशव्यापी कुपोषण मुक्ति का अभियान शुरू किया है। जिले में भी कुपोषित बच्चों तथा एनीमिक महिलाओं को गरम भोजन व पौष्टिक आहार मिले, जिससे उनका स्वास्थ्य बेहतर हो और छत्तीसगढ़ से कुपोषण दूर हो। इस दिशा में मुख्यमंत्री सुपोषण योजना शुरू की गई है, वहीं पोषण पुनर्वास केंद्रों की सुविधाएं बढ़ाने के भी प्रयास किए जा रहे हैं। अकलतरा, नवागढ़, बम्हनीडीह, पामगढ़ और जांजगीर में पोषण पुनर्वास केन्द्र स्थापित कर कुपोषित बच्चों को सुपोषित बनाया जा रहा है।
शिवरीनारायण में लाइब्रेरी का होगा संचालन….
नये साल के साथ ऐतिहासिक धार्मिक नगरी शिवरीनारायण में लाइब्रेरी ठाकुर जगमोहन सिंह के नाम से प्रारंभ की जाएगी। कलेक्टर द्वारा इसके लिए पुराने बस स्टैण्ड स्थल का निरीक्षण कर नगर पालिका अधिकारी को आवश्यक निर्देश भी दिए गए हैं। शिवरीनारायण में सर्वसुविधा युक्त लाइब्रेरी संचालित होने से विद्यार्थियों, युवाओं सहित आस-पास के नागरिकों को अध्ययन एवं किताबी ज्ञान प्राप्त होगी। यहां वाईफाई, ईलाइब्रेरी जैसी सुविधाएं भी मुहैया करायी जाएगी। लाइब्रेरी का निर्माण कार्य भी प्रारंभ कर दिया गया है।
सिंचाई सुविधाओं में विस्तार से किसानों को होगा लाभ…
धान उत्पादन के लिए पहचाने जाने वाले जांजगीर-चांपा जिले में सिंचाई सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। कलेक्टर द्वारा सिंचाई विभाग के अधिकारियों से समन्वय बनाकर जिले के किसानों को सिंचाई सुविधा का लाभ दिलाने पहल की गई है। सिंचाई सुविधाओं से वंचित अतिम छोर के गांवों में पानी पहुंचाने नहरों का मरम्मत किया जा रहा है। सोन नदी सारागांव के अमरूवा में लगभग 6 करोड़ की लागत से एनीकट और कंजी नाला परसदा गांव के पास सवा करोड़ की लागत से एनीकट बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। कलेक्टर का कहना है कि किसानों के लिए जिले में पैसो की कमी नहीं है, सिंचाई के क्षेत्र में किसानों को जो भी आवश्यकता होगी, उसे प्राथमिकता के साथ पूरा किया जाएगा।
नीली क्रान्ति से रोजगार के साथ बढ़ेगा राजस्व…
जिले में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने कलेक्टर द्वारा लगातार मत्स्य विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया जा रहा है। इसके साथ ही मछली पालन को आमदनी का बड़ा जरिया मानकर किसानों को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। यह कलेक्टर का ही प्रयास है कि जिले में मछली का उत्पादन आने वाले दिनों में बढ़ जाएगा। तालाबों को मछली पालन हेतु पट्टा में दिए जाने के साथ ही मत्स्य पालन का रकबा 1 हजार हेक्टेयर का बढ़कर 2 हजार हेक्टेयर हो जाएगा। इससे लगभग 2 हजार से अधिक किसान लाभान्वित होंगे। मछली का उत्पादन 3 हजार क्विंटल से अधिक के साथ ही रोजगार और शासन के राजस्व में वृद्धि होगी। जिले के सारागांव में एक हेचरी का निर्माण भी किया जा रहा है। यहां मत्स्य पालन हेतु प्रदर्शन इकाइ विकसित करने के साथ किसानों को प्रोत्साहित करने प्रशिक्षण भी दी जाएगी। इसी तरह जांजगीर के खोखरा भांठा में एक करोड़ 10 लाख रुपए की लागत से तैयार मछली मार्केट का संचालन भी शीघ्र ही प्रारंभ किया जाएगा। यहां थोक एवं चिल्हर में मछलियां बेची जाएगी। मत्स्य पालन के क्षेत्र में किये जा रहे इस अभिनव पहल से जिले की पहचान सबसे अधिक मत्स्य उत्पादन में होगी।
अधोसंरचना के कार्याें में प्रगति के साथ लोगों को मिलेगी सहूलियतें…
किसी भी जिले की पहचान वहां हुए अधोसंरचना के कार्याें से होती है। जिले में अपनी पदस्थापना के पश्चात कलेक्टर सिन्हा द्वारा कई बड़े एवं अधूरे कार्याें को पूरा करने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। यह कलेक्टर का प्रयास है कि वर्षाें से निमार्णाधीन ऑडिटोरियम का कार्य पूर्णतः के कगार पर हैं। इसी तरह स्वीमिंग पुल भी आने वाले कुछ दिनों में तैयार हो जाएगा। नये अस्पताल भवन, स्कूल भवन भी बनाये जा रहे हैं। नगर स्थित गट्टानी हायर सेकेण्डरी स्कूल भवन को भी नये स्वरूप में परिवर्तित किया जा रहा है। नगर पालिका परिषद कार्यालय अकलतरा को आवश्यक मरम्मत कर संचालित किया जा रहा है। शहर को सौंदर्यीकरण करने के साथ अनेक सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही है।
बहुप्रतीक्षित खोखसा रेलवे ओव्हर ब्रिज में होगा आवागमन प्रारंभ …
जांजगीर और चांपा नगर के मध्य मुख्य मार्ग पर निर्माणाधीन रेलवे ओव्हर ब्रिज भी इस वर्ष आगामी कुछ महीनों के भीतर आवागमन के लिए पूर्ण हो जाएगा। कलेक्टर सिन्हा द्वारा इस ब्रिज के अधूरे कार्याें को पूरा करने न सिर्फ रेलवे के अधिकारियों से चर्चा की जा रही है, अपितु सेतु विभाग के अधिकारियों को भी आवश्यक निर्देश दिए जा रहे हैं। खोखसा रेलवे ओव्हर ब्रिज के पूर्ण होने से चांपा एवं जांजगीर सहित अन्य जिले के लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। इसी तरह कलेक्टर द्वारा नहर पुल पर लगने वाले जाम और बिगड़ती यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने नहर पुल का चौड़ीकरण भी कराया जा रहा है। आगामी कुछ दिनों के भीतर नहर पुल चौड़ा होने के साथ आमनागरिकों के आवागमन के लिए लाभदायक साबित होगा। जिले के जर्जर सड़कों की भी सुध ली जा रही है। गड्ढो का मरम्मत किया जा रहा है।
पर्यावरण संरक्षण को दिया जा रहा है बढ़ावा…
कलेक्टर सिन्हा द्वारा जिले में विकास कार्याें की सौगात के साथ पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी कदम उठाये जा रहें है। मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना अंतर्गत लगभग एक हजार एकड़ में पौधे रोपित किये जाने की योजना है। इसी तरह सभी नगरीय निकायों में कृष्ण कुंज तैयार कर फलदार वृक्ष रोपित किये जा रहे हैं। इससे जिले में पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा।
रीपा से संवरेगी ग्रामीण अर्थव्यवस्था…
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की प्राथमिकता को ध्यान में रखकर जिले में दस गौठानों का चयन ग्रामीण औद्योगिक पार्क (रीपा) के लिए किया गया है। बलौदा विकासखंड से जर्वे और महुदा गौठान, नवागढ़ विकासखंड से पेंड्री और पचेड़ा गौठान, अकलतरा विकासखंड से तिलई और किरारी गौठान, पामगढ़ विकासखंड से मुलमुला और लोहर्सी गौठान, बम्हनीडीह विकासखंड से गोविंदा और अफरीद गौठान में स्वरोजगार को बढ़ावा देने तथा महिला स्व-सहायता समूहों, गांव के युवाओं को रोजगार देने लघु व मध्यम उद्योग स्थापित किए जा रहे हैं। ऑफसेट प्रिंटिंग, मशरूम, बेकरी, आचार, पापड़, पूजा सामग्री निर्माण कार्य, आर ओ वाटर यूनिट, गोबर से पेंट, झींगा उत्पादन, चिप्स, हेचरी आदि निर्माण हेतु गतिविधियां संचालित करके ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
नई दुकानों और दवाओं की उपलब्धता से बीमारी होगी दूर….
राज्य शासन के मंशा के अनुरूप आम नागरिकों एवं गरीबों को सस्ती दर पर जेनेरिक दवाइयां उपलब्ध कराने जिले में धन्वंतरी मेडिकल स्टोर का संचालन किया जा रहा है। कलेक्टर द्वारा इन दुकानों का निरीक्षण कर पर्याप्त मात्रा में सभी प्रकार की दवाइयां उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए गए हैं। दुकानों को अपग्रेड कर प्रमुख स्थानों पर संचालित कराया जा रहा है।
गौमूत्र खरीदी, पैरादान और छत्तीसगढ़ियां ओलम्पिक में जिला नंबर वन…
वैसे तो कलेक्टर सिन्हा को जिले में पदस्थ हुए महज 6 महीने ही हुए हैं, लेकिन उन्होंने अपनी प्रशासनिक दक्षता एवं सूझबूझ से जिले में प्रशासनिक कसावट लाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। जिले के लगभग सभी विकासखंडो में वे न सिर्फ शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन को फील्ड में जाकर देखते हैं साथ ही उनके द्वारा ब्लाक लेबल एवं मैदानी स्तर के अधिकारियों-कर्मचारियों की बैठक लेकर विशेष निर्देश दिए जाते हैं। उनके प्रयास का ही परिणाम है कि जिले में अब तक 11 हजार 624 लीटर गौमूत्र को पशुपालकों से खरीदा गया। जिले में गौमूत्र की बढ़ती मांग के साथ ही इसका उत्पादन एवं विक्रय भी किया जा रहा है। जिला प्रशासन द्वारा किसानों को प्रेरित करते हुए चलाई गई मुहिम का हिस्सा बनते हुए गोठानों में किसानों ने 99 हजार 55 क्विंटल पैरादान किया। गौमूत्र खरीदी, पैरादान और छत्तीसगढ़ियां ओलम्पिक में तथा मानस मंडली पंजीयन में जिला नंबर वन पर है