उत्तराखंड में फंसे दुर्ग जिले के सभी लोग सुरक्षित…. सीएम भूपेश बघेल ने क्या कहा… पूरी पढ़ें पूरी खबर….

दुर्ग । उत्तराखंड में भूस्खलन में कल कैंची धाम में फंसे दुर्ग जिले के सभी यात्री कुशल हैं, नैनीताल जिले में तेजी से बारिश होने की वजह से हुए भूस्खलन से यह यात्री फंस गए थे।कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने सूचना मिलते ही नैनीताल जिला प्रशासन से संपर्क किया। नैनीताल जिला प्रशासन के अधिकारियों ने जानकारी दी कि डोगरा बटालियन के मदद से रेस्क्यू कार्य कर लिया गया है। इसके बाद लोगों को सुरक्षित स्थल तक पहुंचाने और उन्हें फूड पैकेट का वितरण भी किया गया।अपर कलेक्टर नूपुर राशि पन्ना ने बताया कि प्रशासन लगातार नैनीताल जिला प्रशासन के संपर्क में है।

सभी यात्रियों को जरूरी सुविधाएं प्रदान की गई हैं ।उन्होंने बताया कि सभी लोगों को फूड पैकेट वितरित कर दिये गए हैं और सभी यात्री सुरक्षित हैं ,इनका पूरा ध्यान रखा जा रहा है उन्होंने बताया कि कैंचीधाम के एसडीएम ने हमारे यात्रियों का विशेष रूप से ध्यान रखा, दुर्ग जिला प्रशासन ने नैनीताल कलेक्टर , एसडीएम कैंचीधाम , अन्य प्रशासनिक अधिकारी , बचाव कार्य में लगे डोगरा बटालियन के जवानों का विशेष रूप से आभार व्यक्त किया है ।आज ये यात्री डायनेस्टी होटल में हैं ।कल सुबह यह प्रदेश के लिए रवाना हो जाएंगे।

उत्तराखंड के नैनीताल जिले में लगातार बारिश के कारण कई भूस्खलन और सड़कें अवरुद्ध हो गई थी। नैनीताल जिला प्रशासन नैनीताल ने फंसे हुए नागरिकों को बचाने के लिए तुरंत सैन्य हस्तक्षेप का अनुरोध किया। गरमपानी / खैरना क्षेत्र के पास स्थिति बहुत गंभीर है ।घाटी प्रभावित है , शिप्रा नदी के अत्यधिक प्रवाह से इमारतें संकट में हैं।परिस्थिति के गम्भीर होने पर प्रशासन द्वारा भारतीय सेना की रानीखेत स्थित 14 डोगरा बटालियन को राहत के लिए निवेदन किया गया।धीरज सिंह गरबियाल , कलेक्टर नैनीताल , प्रतीक जैन , संयुक्त मजिस्ट्रेट द्वारा मदद के लिए निवेदन संदेश दिया गया ।संदेश मिलने के 30 मिनट के अन्तर्गत जवान डोगरा बटालियन की रेस्क्यू टुकड़ी रानीखेत से खैरना की ओर रवाना हो गई।

कम समय होने के बावजूद सेना अपने साथ बचाव से संबंधित सभी उपकरण और फंसे हुए लोगों के लिए पैक्ड खाने को डालने साथ ले गये। साथ ही में डोगरा बटालियन की मेडिकल रिऐक्शन टीम अपने प्रशिक्षित मेडिकल स्टाफ और उपकरणों के साथ रेस्कयू टीम का हिस्सा बनी, रानीखेत से खैरना तक के मार्ग में भूस्खलन होने से सेना की रेस्क्यू टीम दोपहर तीन बजे खैरना पहुँची। भारतीय सेना के अधिकारियों ने मौजूदा प्रशासन के अधिकारियों से परिस्थिति का जायज़ा लिया, बिना किसी देरी के भारतीय सेना के जवानों ने राहत का कार्य सहज कर दिया।

वर्तमान में डोगरा बटालियन की एक टुकड़ी अल्मोड़ा गरमपानी मार्ग में एक टुकड़ी खैरना में और एक टुकड़ी कैंची धाम में राहत का कार्य कर रही है,खैरना में मार्ग बंद होने से 500 लोग सुबह से फंसे हुए हैं , सेना द्वारा इन्हें पहुंचते ही खाने का सामान दिया गया , खैरना में स्थित स्कूल में सेना के जवान फंसे हुए लोगों के लिए भोजन तैयार कर रहे हैं , साथ ही में पीड़ित लोगों का चिकित्सा निरीक्षण भी कर जारी है, डोगरा बटालियन की मौजूदगी से राहत कार्य में तेज स्तर से प्रगति हुई है और साथ ही फंसे हुए लोगों को मदद मिली है।

बीजेपी सांसद विजय बघेल ने जम्मू – कश्मीर में लगातार हो रहे आतंकी हमलों के चलते प्रदेश के अनेक मज़दूर जम्मू में फंसे हुए हैं ,उनकी प्रदेश सरकार कोई परवाह नहीं कर रही है ।ये मज़दूर जम्मू – कश्मीर में ईंट भठ्ठे में काम करने गए थे , जिन्हें आतंकी हमलों के बीच मारपीट करके काम से निकाल दिया गया है।

बघेल ने कहा कि ये मज़दूर अब सरकारी मदद का इंतज़ार कर रहे हैं और प्रदेश सरकार इस दिशा में कोई पुख़्ता पहल नहीं कर रही है मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को देशभर में घूम – घूमकर अपनी झूठा श्रेय बटोरने से ही फ़ुर्सत नहीं है, संसद विजय बघेल ने कहा कि प्रदेश में उन तमाम श्रमिकों मज़दूरों के पंजीयन की कोई व्यवस्था तक नहीं की गई है , जो आजीविका के लिए छत्तीसगढ़ से बाहर अन्य प्रदेशों में जा रहे हैं। इसका सबसे बड़ा दुष्परिणाम कोरोना काल में तब सामने आया था , जब विभिन्न प्रदेशों से वापस श्रमिक – मज़दूर लौटे थे।अब प्रदेश सरकार की तुग़लक़शाही के चलते पलायन कर रहे लोगों का पंजीयन नहीं होने के कारण सरकार के पास प्रदेश से बाहर जाने वालों के कोई वास्तविक आंकड़े नहीं है ‌।आज वे देश के विभिन्न राज्यों में बंधक बनकर रह गए हैं , उन्होंने मांग की कि प्रदेश सरकार उत्तराखंड व जम्मू – कश्मीर में फँसे प्रदेश के लोगों की सकुशल वापसी की चिंता करे।

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