CG- पुलिस को मिली काफी बड़ी सफलता : ऑनलाइन फ्राॅड का पर्दाफाश… साइबर फ्रॉड गिरोह के 14 युवती सहित 22 शातिर साइबर ठग गिरफ्तार… साइबर ठगी मे मिली अब तक की सबसे बड़ी सफलता….1 करोड़ से अधिक ऑनलाइन ठगी…कारनामे जाने दंग रह जायेगे…। चमन बहार
Police got huge success: Online fraud exposed… 22 vicious cyber thugs including 14 girls of cyber fraud gang arrested… Biggest success in cyber thugs so far…. More than 1 crore online thugs. You will be stunned to know the feats.
रायगढ़ ।
रायगढ़ जिले के विभिन्न थानों में पंजीबद्ध ऑनलाइन ठगी के मामलों में अज्ञात आरोपियों की पतासाजी के लिये पुलिस अधीक्षक श्री अभिषेक मीना के कुशल मार्गदर्शन, एडिशनल एसपी संजय महादेवा के पर्यवेक्षण पर सायबर सेल व थाना के स्टाफ की गठित अलग-अलग पुलिस टीमें पिछले कुछ दिनों से दिल्ली, झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल में दबिश दिया जा रहा है जिसमें पुलिस को थाना कोतवाली, थाना लैलूंगा एवं थाना पुसौर के मामलों में बड़ी सफलता हाथ लगी है, जिले की एक टीम अभी भी दिगर प्रांत में आरोपियों की पतासाजी पर है ।
सीएसपी रायगढ़ अभिषेक उपाध्याय के नेतृत्व में गठित 15 सदस्यीय टीम द्वारा करीब एक सप्ताह से पश्चिम बंगाल के विभिन्न ठिकानों पर दबिश के क्रम में अंतर्राज्यीय साइबर ठगों गिरोह के मूल ठिकाने पर सुनियोजित तरीके से छापेमार कार्यवाही किया गया है, जिसमें पुलिस टीम के हाथ ऑनलाइन ठगी के गोरख धंधे में शामिल आरोपित 8 युवक और 14 युवती हाथ आये हैं । रायगढ़ की पुसौर पुलिस द्वारा एडिशनल चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोलकाता के न्यायालय से थाना पुसौर के ऑनलाइन ठगी मामले में वांछित इन 22 आरोपियों का ट्रांजिट रिमांड के लिए अर्जी पेश किया गया जिसमें 8 आरोपी युवकों का माननीय न्यायाधीश द्वारा ट्रांजिट रिमांड दिया गया तथा 14 आरोपित युवतियों को सशर्त अंतरिम बेल का लाभ देकर ट्रांजिट रिमांड खत्म होने की अवधि के पूर्व रायगढ़ न्यायालय में उपस्थित होने आदेश दिया गया है । सभी 22 आरोपियों को पुसौर के धोखाधड़ी मामले में न्यायिक रिमांड पर पेश किया जावेगा ।
जानकारी के मुताबिक थाना पुसौर के अपराध क्रमांक 357/2022 धारा 420 आईपीसी के प्रार्थी आदित्य मिश्रा निवासी ग्राम महलोई थाना पुसौर द्वारा थाना पुसौर में 8 सितंबर 2022 को एक लिखित आवेदन देकर धोखाधड़ी का रिपोर्ट दर्ज कराया गया था जिसके अनुसार उसे अगस्त माह में 3 अलग-अलग मोबाईल नंबरों से अज्ञात व्यक्ति (साइबर ठग) कॉल कर गांव में एयरटेल कंपनी का टावर लगाने के संबंध में चर्चा कर घर व प्लाट चाहिये बोला था और घर व प्लाट के एवज में प्रति माह 15,000 रूपये किराया व बोनस तौर पर 15 लाख रूपये एक साथ देने का लालच दिये थे । ऐसा कहकर ठगों ने डाक्यूमेंट्स तैयार करने, इंश्युरेंस, NOC व मटेयिल के लिए रूपये जमा करना होगा कहकर कुल 1,82,460 रूपये जमा कराकर धोखाधड़ी किया गया था ।
पुलिस की रेड कार्रवाई….
एसपी अभिषेक मीना द्वारा एडिशनल एसपी संजय महादेवा एवं सीएसपी रायगढ़ अभिनव उपाध्याय को मामले की सूक्ष्मता से जांच पड़ताल के निर्देश दिए गए और साइबर सेल प्रभारी एसआई कमल किशोर पटेल को पीड़ित को जिन नंबरों से कॉल कर रुपयों की ठगी की गई थी उन नंबरों को सर्विलांस में रखकर इनपुट निकालने का काम काम सौंपा गया ।
आरोपियों का तरीका वारदात…..
आरोपी शमसूल हुसैन बताया कि उस बिल्डिंग के दो कमरों को उनका परिचित (कॉल सेंटर के दोनों संचालक) किराए में लेकर अवैध तरीके से कॉल सेंटर चला रहे हैं । इस कॉल सेंटर में छल और ठगी का गिरोह चलाया जा रहा है । ये लोग पूरे भारत में लोगों को मोबाइल टावर लगाने के नाम पर कॉल कर ठगते हैं । सभी का अलग-अलग कार्य हैं, ऑफिस में मैनेजर- गोपाल कंडारऔर दीपिका मंडल तथा टीम लीडर- बीना साव उर्फ़ डाली, मधु यादव, जूली सिंह, स्नेहा पाल, पूजा राय है तथा उनके साथ – राम कुमार साव, पूजा सिंह, विशाल सेठ, पिंकी राजभर, पूजा पासवान, पूजा शर्मा, रिंकी साव, इंद्रोजीत दास, पूजा दास, अंकु गुप्ता, अनिल शाह, कामिनी पोद्दार, प्रियंका चौधरी, रोहित साव सभी लोगों को ठगी करने में माहिर हैं ।
ऑफिस के स्टाफ दो अलग-अलग व्हाट्सएप ग्रुप बनाए हैं – जिसमें एक “राधे-राधे” और दूसरा “नेवर गिव अप ग्रुप” है इनके सीनियर के कहने पर सभी आरोपीगण प्रतिदिन 250 से 300 लोगों को कॉल करते हैं और अपना-अपना डायरी मेंटेन करते हैं कि कस्टमर से कितने रुपए प्राप्त हुए किन से क्या डॉक्यूमेंट लेना है । इन सब का जिक्र उस डायरी में होता था । सभी अलग-अलग नामों से लोगों को कॉल करते थे । आरोपी शमसूल बताया कि उसके सीनियर गूगल से सीरीज नंबर लेकर इन्हें मुहैया कराते थे और उन नंबरों पर कॉल कर लोगों को अपने झांसे में लेना होता है ।
ये लोग सबसे पहले कॉलर से टावर लगाने के नाम पर लुभावनी स्कीम बताते थे जिसमें उनसे पूछा जाता था कि क्या उनके पास 10X10 का जमीन है किसके अधिकार की जमीन है । उसके बाद जमीन पर टावर लगाने की फ्रॉड स्कीम बताकर प्रलोभन देते थे कि इन्हें 10 साल के लिए 15,00,000 रुपए देंगे, 12,000 प्रतिमाह किराया देंगे तथा घर के एक पढ़े-लिखे सदस्य को 10 से 15,000 की नौकरी भी दी जाएगी । जब कॉलर राजी हो जाता था तब उन्हें कमर्सियल लायसेंस, इंश्युरेंस, NOC आदि के नाम पर ड्क्युमेंट व रूपये मांगे जाते थे ।
इनके पास केवल एक स्मार्टफोन मोबाइल नंबर 8902251001 है जो उनके कॉल सेंटर में रखा है । इस स्मार्टफोन का इस्तेमाल व्हाट्सएप के जरिए डॉक्यूमेंट मंगाने का होता था ।कस्टमर इनके लुभावने स्कीम में आ जाने पर उन्हें अपने सीनियर कॉल सेंटर के दोनों संचालक, मधु, गोपाल, स्नेहा, बिना उर्फ डाली, दीपिका मंडल, पूजा राय आदि हैंडल करते थे । इनका कहना है कि हर 5 में से एक व्यक्ति इनके झांसे में आता है । सीएसपी पूरी जानकारी लेने के बाद एसपी श्री मीना को अवगत कराये ।
एसपी मीना रेड का समय निर्धारित कर आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया व टीम को गोपनियता बरतने की समझाईश दिये । पुलिस टीम स्थानीय जोरासांकी पुलिस को लेकर 3 अलग-अलग टीमें बनाकर शमसुल हुसैन को लेकर सुभाष नगर रोड दक्षिण दमदम के एक पुराने बिल्डिंग के दो कमरों में संचालित हो रहे अवैध कॉल सेंटर के बाहर पहुंची ।
गिरफ्तार आरोपीगण….
कॉल सेंटर का मैनेजर- गोपाल कंडार और दीपिका मंडल तथा टीम लीडर- बीना साव उर्फ़ डाली, मधु यादव, जूली सिंह, स्नेहा पाल, पूजा राय है तथा उनके साथ – राम कुमार साव, पूजा सिंह, विशाल सेठ, पिंकी राजभर, पूजा पासवान, पूजा शर्मा, रिंकी साव, इंद्रोजीत दास, पूजा दास, अंकु गुप्ता, अनिल शाह, कामिनी पोद्दार, प्रियंका चौधरी, रोहित साव और शमसुद हुसैन ।