जीका वायरस का इस राज्य में दस्तक…. पढ़ें लक्षण….

पुणे। कोरोना वायरस जैसे महामारी से अभी देश पूरी और दुनिया उबर भी नही पाया है और अब जीका वायरस ने भी दस्तक दे दी है। अभी भारत में तीसरी लहर कि शुरुआत अगस्त में होने वाली है ऐसा डाॅक्टरों का कहना है। केरल में गुरुवार को जीका वायरस के 13 केस पाए गए। तिरुवनंतपुरम से लिए गए सैंपल्स को जांच के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी पुणे भेजा गया था, जहां जांच में इनकी पुष्टि हुई है।
आपकों बता दें कि ब्राजील में 2015 में जीका वायरस बड़े पैमाने पर फैल गया था, जिससे 1600 से अधिक बच्चे विकृति के साथ पैदा हुए थे। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी ने पहली बार नवंबर 2018 में जीका वायरस को अलग करने में सफलता पाई थी। भारत में पहली बार जनवरी 2017 में जीका वायरस का केस मिला था। इसके बाद जुलाई 2017 में तमिलनाडु में भी इसके केस मिले थे।

इस बीमारी का लक्षण …..

जीका वायरस एडीज मच्छरों के काटने से फैलता है जोकि दिन के समय सक्रिय होते हैं।पहली बार 1947 में युगांडा के बंदरों में पाया गया था।1952 में युगांडा और तंजानिया में मानवों में पाया गया था।जीका वायरस की मौजूदगी एशिया, अफ्रीका, अमेरिका पैसिफिक आइलैंड में पाई जा चुकी है।जीका वायरस का इन्क्यूबेशन पीरियड (लक्षण दिखने में लगने वाला समय) 3 से 14 दिनों का होता है।जीका वायरस अधिकतर लोगों में कोई वास्तविक लक्षण नहीं दिखता है।कुछ लोगों में बुखार, चकत्ते, सिरदर्द, मांशपेशियों और जोड़ों में दर्द की शिकायतें आती हैं।जीका वायरस गुलियन बैरी सिड्रोम पैदा करने के लिए भी जाना जाता है।यह नवजात बच्चों में पैदाइशी असामान्यता भी पैदा करता है।

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