CHATTISGARH:आकाशीय बिजली गिरने से मामा -भांजे की मौत… बारिश से बचने पेड़ के नीचे खड़े थे… दोनों की मौके पर मौत….। चमन बहार

कोरबा। छत्तीसगढ़ में एक बार फिर आकाशीय बिजली का कहर देखने को मिला, आकाशीय बिजली गिरने से मामा-भांजा की मौत हो गई, हादसा कोरबा जिले के कटघोरा थाना क्षेत्र में हुआ,मामा-भांजा भारी बारिश से बचने पेड़ के नीचे खड़े थे,तभी बिजली मामा-भांजा के ऊपर गिर पड़ी. मौके पर ही मामा-भांजा की मौत हो गई।

सूचना पर पहुंची पुलिस ने दोनों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया और परिजनों को सूचना दी. ग्राम मलदा निवासी दिलीप रोहिदास (21) पुत्र तिजउ राम अपने भांजे विक्की (14) पुत्र राजेश रोहिदास के साथ किसी काम से बड़ेगांक ग्राम पंचायत आया था. इसी दौरान तेज बारिश शुरू हो गई. दोनों बारिश से बचने के लिए वहीं एक पेड़ के नीचे खड़े हो गए।

बताया जा रहा है कि इसी दौरान तेज आवाज के साथ आकाशीय बिजली पेड़ पर जा गिरी. इसकी चपेट में मामा-भांजा भी आ गए. बता दें मौसम विभाग ने गरज-चमक के साथ भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है. 24 घंटो के लिए मौसम विभाग द्वारा भारी वर्षा हेतु ऑरेंज और एलो अलर्ट जारी किया गया है. ऑरेंज अलर्ट अनुसार प्रदेश के सरगुजा तथा बिलासपुर संभागों में एक दो स्थानों पर गरज चमक के साथ भारी से अति भारी वर्षा तथा वज्रपात होने की संभावना है।

येलो अलर्ट अनुसार प्रदेश के रायपुर तथा दुर्ग संभागों मे एक दो स्थानों पर गरज चमक के साथ भारी वर्षा तथा वज्रपात होने की संभावना है. मानसून के दौरान भारी वर्षा और आसमानी बिजली की संभावना बनी रहती है. मौसम विज्ञान केन्द्र रायपुर और राज्य शासन के आपदा एवं प्रबंधन विभाग द्वारा भारी वर्षा एवं आसमानी बिजली (वज्रपात) के प्रभावों की जानकारी एवं इससे बचाव के उपाय जन सामान्य की जानकारी के लिए जारी किए गए हैं।

आकाशीय बिजली गिरने और अत्याधिक वर्षा के प्रभावों की जानकारी जनसामान्य को दी गई है कि घास-फूस की झोपड़ियों और एस्टेबटस की छत वाले घरों और कारों को नुकसान हो सकता है, छत के टॉप उड़ सकते है. अधूरे बंधे धातु की चादरें उड़ सकती है. पेड़ की शाखाओं के टूटने से बिजली और संचार लाइनों को नुकसान पहुंच सकता है तथा खड़ी फसलों को भी नुकसान होता है. बिजली जमीन पर गिरती है. अत्याधिक गरज-चमक के बाद संबद्ध वर्षा के कारण नदी-नालों में अचानक बाढ़ आती है‌ ।

मौसम वैज्ञनिकों ने आम-जनों को बिजली चमकने एवं बादलों की गर्जना के संबंध में सुझाव दिए है कि अलग-थलग पड़े पेड़ों के नीचे आश्रय न लें. तालाबों, झीलों और बाहरी पानी वाले क्षेत्र (जैसे धान की रोपाई) से तुरंत बाहर निकलें और दूर रहें.

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