BIG NEWS: सरिया, सीमेंट की कीमत हुई कम…अब घर बनाना हुआ आसान… देखें कीमत…। चमन बहार

जनवरी में सरिया के दाम में उछाल शुरू हुआ तो दो गुना तक पहुंच गया था। गर्मी सीजन में बेतहासा महंगाई को देखते हुए लोगों ने निर्माण कार्य रोक दिया था। लेकिन अप्रैल माह से सरिया के दाम में गिरावट शुरू हो गई थी, जो मई तक काफी कम हो गई, लेकिन इसके बाद एक बारिश का मौसम शुरू होते ही एक बार फिर सरिया के दाम बढ़ने लगे हैं। आगामी समय में सरिया के दाम बढ़ेंगे या फिर गिरावट आएगी इस मामले में व्यापारी कुछ कह पाने की स्थिति में नहीं हैं।

देश के लगभग हर हिस्से में मानसून पहंच चुका है और हर जगह बारिश हो रही है, कई राज्यों में तो भारी बारिश से बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है और कई बड़े शहर जलजमाव की समस्या से जूझ रहे हैं, बारिश के मौसम का इसके अलावा एक खास सेक्टर पर भी बड़ा असर होता है और वह है कंस्ट्रक्शन सेक्टर बारिश का मौसम आते ही कंस्ट्रक्शन के कई सामानों जैसे बालू , सीमेंट आदि की कमी होने लगती है. इस कारण इनके भाव भी तेजी से बढ़ते हैं, कुल बातों का लब्बोलुआब ये है कि चाहे घर बनाना हो या कोई अन्य कंस्ट्रक्शन का काम हो, लागत बढ़ जाती है, हालांकि अभी भी भवन निर्माण सामग्रियों के दाम बहुत नहीं चढ़े हैं,खासकर सरिया और सीमेंट जैसी सामग्रियां 01 जुलाई को भी अपने पीक से ठीक-ठाक सस्ती मिल रही हैं।

इस कारण बढ़ने लगे निर्माण सामग्रियों के भाव: भवन निर्माण सामग्रियों की कीमतें इस साल के मार्च-अप्रैल महीने के दौरान अपने हाई लेवल पर थीं, उसके बाद सरिया , सीमेंट जैसी सामग्रियों की कीमतों में तेजी से नरमी आई, जून महीने के पहले सप्ताह तक सरिया और सीमेंट के भाव लगातार गिरे, सरिया के मामले में तो भाव करीब-करीब आधे हो गए थे, जून महीने में मानसून की आहट पाते ही फिर से इनके दाम बढ़ने लगे, दरअसल बारिश का मौसम शुरू होते ही नदियां लबालब भर जाती हैं, जिससे बालू की किल्लत हो जाती है, वहीं बारिश के कारण ईंट का उत्पादन प्रभावित हो जाता है।

20 से 60 रुपए कम हो गई सीमेंट…

सीमेंट के दामों में भी जमकर गिरावट नजर आ रही है, पिछले चंद दिनों में ही सीमेंट के दामों में 20 से 60 रुपए प्रति बोरी के मान से गिरावट आई है। पहले जो सीमेंट 400 रुपए प्रति बोरी पहुंच गई थी, वहीं सीमेंट अब 350 से 365 रुपए प्रति बोरी मिलने लगी है, ऐसे में सीमेंट और सरिये के दामों में आई गिरावट का लाभ मिलने से लोगों को काफी राहत मिली है।

मार्च-अप्रैल की तुलना में सरिया अब भी सस्ता….

सरिया की बात करें तो अभी भी दो-तीन महीने पहले के हाई लेवल से यह काफी नीचे चल रहा है, जहां मार्च के महीने में कुछ जगहों पर सरिये का भाव 85 हजार रुपये टन तक पहुंच गया था, वहीं अभी यह अलग-अलग शहर के हिसाब से 49,000 रुपये से लेकर 58,500 रुपये प्रति टन तक के भाव में मिल रहा है, जून महीने के पहले सप्ताह में तो यह कम होकर कई जगहों पर 44 हजार रुपये टन के पास आ गया था, ब्रांडेड सरिये का भाव भी कम होकर इस महीने की शुरुआत में 80-85 हजार रुपये प्रति टन तक आ गया था, जो मार्च 2022 में 01 लाख रुपये प्रति टन के पास पहुंच गया था।

सरिया की औसत खुदरा कीमत (रुपये प्रति टन)…

नवंबर 2021 : 70,000

दिसंबर 2021 : 75,000

जनवरी 2022 : 78,000

फरवरी 2022 : 82,000

मार्च 2022 : 83,000

अप्रैल 2022 : 78,000

मई 2022 (शुरुआत) : 71,000

मई 2022 (अंत): 63,000

जून 2022 (शुरुआत): 50,000

जून 2022 (अंत): 5500001

जुलाई: 56000

अब इस चार्ट में देखिए कि भारत के प्रमुख शहरों में अभी सरिये का क्या रेट चल रहा है, आयरनमार्ट वेबसाइट सरिये की कीमतों की घट-बढ़ पर नजर रखती है और उसी आधार पर कीमतों को अपडेट करती है, पिछले महीने मुंबई अकेला ऐसा शहर रहा, जहां सरिया सस्ता हुआ, मुंबई में बीते महीने सरिया के भाव 400 रुपये प्रति टन कम हुए,वहीं दूसरी ओर अन्य शहरों में इसमें 1,100 रुपये से लेकर 3,800 रुपये प्रति टन तक की तेजी आई, देखें प्रमुख शहरों में क्या है सरिये का भाव सभी कीमतें रुपये प्रति टन में हैं।

शहर (राज्य) 04 जून 01 जुलाई…

दुर्गापुर (पश्चिम बंगाल): 45,300 49,000 (+3700)

कोलकाता (पश्चिम बंगाल): 45,800 49,500 (+3700)

रायगढ़ (छत्तीसगढ़): 48,700 52,500 (+3800)

राउरकेला (ओडिशा): 50,000 53,500 (+3500)नागपुर (महाराष्ट्र): 51,000 54,000 (+300)

हैदराबाद (तेलंगाना): 52,000 55,500 (+3500)

जयपुर (राजस्थान): 52,200 55,700 (+3500)

भावनगर (गुजरात): 52,700 56,500 (+3800)

मुजफ्फरनगर (UP): 52,900 54,500 (+1600)

गाजियाबाद (UP): 53,000 55,300 (+2300)

इंदौर (मध्य प्रदेश): 53,500 55,200 (+1700)

गोवा: 53,800 56,700 (+2900)

जालना (महाराष्ट्र): 54,000 55,100 (+1100)

मंडी गोविंदगढ़ (पंजाब): 54,300 56,500 (+2700)

चेन्नई (तमिलनाडु): 55,000 57,000 (+2000)

दिल्ली: 55,000 56,900 (+1900)

मुंबई (महाराष्ट्र): 55,200 54,800 (-400)

कानपुर (उत्तर प्रदेश): 57,000 58,500 (+1500)

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