रायपुर: पैरामेडिकल छात्रों के भविष्य के साथ घिनौना खेल…. साईनाथ पैरामेडिकल कालेज बिना अनुमति प्राप्त चला रहा है कालेज…छात्रों ने कालेज में किया घेराव…. कुलपति ने क्या कहा ? पढ़िए….

रायपुर । आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय , जबलपुर ( मध्य प्रदेश ) से मान्यता बताकर रायपुर एक ही भवन में तीन फर्जी कालेजों के संचालन किया जा रहा है । तीन वर्षों से परीक्षा नहीं करवाए जाने और संतोषजनक जवाब नहीं मिलने के बाद मान्यता देने वाले विश्वविद्यालय पहुंचे छात्रों को पता चला कि कालेज ही फर्जी है । इस पर छात्रों ने कालेज का घेराव कर दिया । मौके पर पहुंची पुलिस संचालक को थाने ले आई और पूछताछ कर रही है

। इस बीच छात्रों ने टिकरापारा थाने में शिकायत दर्ज करवाई है । पैरामेडिकल कोर्स में प्रवेश लेने वाले छात्र प्रेमचंद खांडे , देव प्रकाश सोनवानी , प्रवीण राजपूत और आदित्य वर्मा ने बताया कि देवपुरी क्षेत्र में एक ही छत के नीचे साईनाथ पैरामेडिकल कालेज उमरिया , मीनाक्षी कालेज और रामचंद्र कालेज ( शहडोल ) का संचालन किया जा रहा है । वर्ष 2019 में प्रवेश के दौरान पैरा मेडिकल कोर्स के लिए कालेज को मान्यता होने की बात कही गई थी । प्रति वर्ष करीब 60 से 70 हजार रुपये फीस देकर वैचलर आफ मेडिकल लैब टेक्नीशियन व डिप्लोमा आफ मेडिकल लैब टेक्नीशियन में दाखिला लिया , लेकिन तीन वर्ष बाद भी परीक्षा नहीं हुई ।

कालेज प्रबंधन गुमराह करता रहा । जवलपुर के जिस आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय से पांडेय ने बताया किसाईनाथ पैरा मेडिकल कालेज – उमरिया मान्यता होने का दावा किया गया था , वहां पहुंचे तो पता चला किन हमारा दाखिला हुआ है और न ही कालेज को मान्यता है । यहां पर अब तक करीब 300 छात्रों ने दाखिला लिया है ।

कालेज संचालक नरेंद्र मप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त है । रायपुर में सिर्फ कोचिंग सेंटर की तरफ पढ़ाई व प्रशिक्षण दिया जा रहा है ।

राजधानी के देवपुरी में फर्जी तरीके से संचालित साईनाथ पैरामेडिकल कालेज के खिलाफ शिकायत के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है । टिकरापारा थाना प्रभारी अमित वेरिया ने बताया कि छात्रों से मिली शिकायत के बाद कालेज संचालक नरेंद्र पांडेय से पूछताछ की जा रही है । ने पुलिस के अनुसार कालेज संचालक पूछताछ में बताया है कि कालेज मध्यप्रदेश से मान्यता प्राप्त है । छात्रों को वहां दाखिला दिया गया है । यहां पर सुविधा के अनुसार पढ़ाया जा रहा है । कोविड की वजह से परीक्षा नहीं हो पाई थी । मामला हाई कोर्ट में चल रहा है । सोमवार को आनलाइन या आफलाइन परीक्षा के संबंध में फैसला आना है ।

पुलिस ने बताया कि कालेज से संबंधित सभी दस्तावेज मांगे गए हैं । छात्रों के प्रवेश , फीस समेत अन्य बिंदुओं पर जांच की जा रही है । मामले में जानकारी लेने पर मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विवि जबलपुर के रजिस्ट्रार डा . प्रभात कुमार बुधोलिया ने बताया कि छत्तीसगढ़ में संचालित किसी भी कालेज को पैरामेडिकल कोर्स के लिए हमने मान्यता नहीं दी है ।

स्वास्थ्य मंत्री से शिकायत इधर , जोगी कांग्रेस युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप साहू के नेतृत्व में छात्रों ने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से मुलाकात की । उन्होंने छात्रों के साथ हुए फर्जीवाड़े की जानकारी दी और छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए राज्य शासन द्वारा अधिकृत किसी निजी कालेज में दाखिला

दिलाकर छात्रों की शिक्षा पूर्ण कराने की मांग की । छात्रों की समस्याओं को सुनकर स्वास्थ्य मंत्री ने स्वास्थ्य सचिव जांच कराने के आदेश दे दिए ।

एनएसयूआइ ने घेरा थाना : मामले को लेकर गुरुवार को पैरा मेडिकल कालेज में जमकर हंगामे के बाद छात्रों ने टिकरापारा थाना का घेराव किया ।

एनएसयूआइ के राष्ट्रीय समन्वयक भावेश शुक्ला , यूथ कांग्रेस के जिला अध्यक्ष मृगेंद्र द्विवेदी , शुभम दुबे , शुभम पांडेय , लक्की तिवारी समेत अन्य छात्रों ने पुलिस से कहा कि साईनाथ पैरामेडिकल कालेज विना मान्यता के फर्जी तरीके से चल रहा है । इसकी जांच कर दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए ।

” मेडिकल से जुड़े कोर्स को शुरू करने के लिए आयुष विवि से मान्यता प्राप्त करने की जरूरत पड़ती है । इस तरह के किसी भी कालेज को राज्य में मान्यता नहीं दी गई है । ”

डॉ . एके चंद्राकर कुलपति , पंडित दीनदयाल उपाध्याय आयुष विश्वविद्यालय , छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में संचालित किसी भी कालेज को पैरामेडिकल कोर्स के लिए हमने मान्यता नहीं दी है । मध्य प्रदेश में साईनाथ के नाम से तीन – चार कालेज चल रहे हैं ।

डॉ . प्रभात कुमार बुधोलिया , रजिस्ट्रार मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर , मध्यप्रदेश

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