अवैध महुआ शराब – हसुवा-बलौदा : ऐसा होता है अंधेरे में महुआ शराब का खेल शुरू… महुआ शराब ऐसे ले रही हैं जान… नाबालिक बच्चे भी महुआ शराब के दलदल मे… नहीं हो रही बड़ी कार्रवाई… महुआ शराब की विस्तृत जानकारी पढ़ें … कैसे बनती है ? कैसे सप्लाई होती है ? और कैसे मरते हैं लोग ?…टी आई ने कहा…। चमन बहार

दिनेश देवांगन.

हसुवा /बलौदा।

लाॅकडाउन के बाद बलौदा-हसुवा क्षेत्र में अवैध महुआ शराब अत्यधिक मात्रा में बन रही है और अत्यधिक मात्रा में बिक रही है यह सिलसिला तो कई सालों से चल रही है लेकिन लॉकडाउन के बाद महुआ शराब अत्यधिक मात्रा में बनने लगी और क्षेत्र में बहुतायत मात्रा मे सप्लाई हो रही है साथ ही क्षेत्र मे इनकी मांग बढ़ती जा रही है।

ऐसे होती है अंधेरी में महुआ शराब की सप्लाई…

हसुवा-बलौदा क्षेत्र में बहुतायत मात्रा में महुआ शराब बन रही है और रात के अंधेरे में इनकी सप्लाई हो रही वही यह काम रात के करीब 3-4 बजे से शुरू हो जाती है जो क्षेत्र के कई ठेले मे सप्लाई की जाती है जहां देशी- अंग्रेजी शराब से कम दाम में महुआ शराब मिलती है जिसके कारण ही ग्रामीणों का यह पसंदीदा शराब बन गई है क्योंकि देशी शराब कि कीमत प्लेन 80और मसाला-110 रुपए में मिलता है वही महुआ शराब 30-35 रुपए प्रति पाउच मिलती है जिसके कारण ग्रामीण इसे अत्यधिक पंसद करते हैं।

बिना मात्रा के तैयार किया जा रहा है महुआ शराब और ऐसे होती है लोगों की मौत…

वही आपको बता दे कि देशी- अंग्रेजी शराब में केमिकल की मात्रा नापजोक कर बनायी जाती है लेकिन महुआ शराब में बिना नापजोक कर बनाया जाता है वही शराबियों ने बताया कि महुआ शराब जल्दी बनाने के लिए यूरिया नामक जहर का उपयोग किया जाता है जो कि मनुष्य के स्वास्थ्य पर सीधा प्रभाव डालता है महुआ शराब लगातार पीने से क्षेत्र की कई लोगों मृत्यु भी हो चुकी है क्योंकि महुआ शराब किडनी और लिवर को सीधे तौर पर कमजोर करता है जिससे मनुष्य की मृत्यु निश्चित हो जाती है ऐसा मामला क्षेत्र में कई बार सामने आ चुका है ।

समझिए अवैध शराब से कैसे होती है राजस्व की हानि…..

अवैध महुआ शराब को लोग सबरिया डेरा या ठेले या दुकान इन सभी जगह से ग्रामीण खरीदते हैं जिस राशि का सीधा फायदा सबरिया डेरा और अवैध शराब विक्रेताओं को होता है, जिससे राजस्व की राशि का नुक़सान हो रहा है क्योंकि देशी-अंग्रेजी शराब भट्टी में खरीदने से टैक्स के रूप में राजस्व तक फायदा पहुंचाता है जो देश निर्माण कार्यों मे लगता है और अवैध महुआ शराब में किसी प्रकार का टैक्स नही लगता है जिससे प्रतिदिन हजारों- लाखों रुपए की राजस्व को छती पहुंच रही है।

नाबालिक बच्चे भी हो रहे है महुआ शराब के आदी….

क्षेत्र के नाबालिक बच्चे जो अभी स्कूलों मे पढ़ाई करते है उनको पालकों द्वारा ज्यादा पैसा नही दिया जाता है छात्र उस पैसे को महुआ शराब खरीदकर पी रहे हैं क्योंकि आजकल हर गांव में ठेले या दुकान में महुआ शराब की पाउच मिल रही है जिसके कारण छात्र भी महुआ शराब की दलदल मे जा रहे हैं जिससे छात्र पढ़ाई को छोड़कर असामाजिक तत्व जैसे कामों में भाग ले रहें हैं जिसका जड़ ‘‘ अवैध महुआ’’ शराब है।

महुआ शराब पर क्या कार्रवाई…..?

इस मामले कि जानकारी गिधौरी-टुंड्रा थाना प्रभारी के.सी.दास से ली गई जिस पर उन्होंने बताया कि ‘‘कार्यवाही किये है और करेंगे ’’ ऐसा थाना प्रभारी ने बताया लेकिन अभी तक कोई बड़ी कार्रवाई विभाग के द्वारा नही देखी गई है। वही कार्यवाही करने जब पुलिस विभाग की काफिला जाती है तो डेरा के लोगों को इस बात की सूचना पहले ही मिल जाती है जिससे महुआ शराब को छुपा दिया जाता है ऐसे करते-करते पुलिस के हाथ खाली नजर आती है, और अब तक बड़ी कार्रवाई महुआ शराब के खिलाफ नहीं दिख रही है।

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