नया रायपुर : बलौदाबाजार- खरसिया रेल लाइन के लिए राज्य से मिली हरी झंडी…। चमन बहार

Naya Raipur: The state got the green signal for the Balodabazar-Kharsia rail line. Chaman Bahar

दिनेश देवांगन।

कटगी।

रायगढ़। जिले का खरसिया रेलवे स्टेशन अब सीधे बलौदाबाजार और नया रायपुर से जुड़ने विभागीय तौर पर पहला कदम बढ़ा चुका है। खरसिया की कनेक्टिविटी पहले ही धरमजयगढ़ से हो चुकी है और अब खरसिया – बलौदाबाजार- नया रायपुर के रेल प्रोजेक्ट के डीपीआर को प्रदेश सरकार की सहमति मिलने के बाद इसे रेल मंत्रालय को भेजा गया है।

रेल कनेक्टिविटी में आने वाला साल रायगढ़ जिले के लिए और स्वर्णिम होने जा रहा है। पहले ही रेल कॉरिडोर के तहत खरसिया घरघोड़ा- धरमजयगढ़ तक जुड़ जाएगा वहीं अब बलौदा बाजार जिले से होते हुए नया रायपुर तक रेल लाईन बिछाने का रास्ता राज्य सरकार की मंजूरी के बाद साफ हो गया है। राज्य स्तर पर इस प्रोजेक्ट्स रोड़ा दूर होने के बाद अब इंतजार रेल मंत्रालय से मंजूरी का है। इस नए रेल लाईन के काम की डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट डीपीआर बनाने में 2016 में अस्तित्व में आए संयुक्त वेंचर सीआरसीएल छत्तीसगढ़ रेलवे कॉर्पोरेशन लिमिटेड की भूमिका महत्वपूर्ण है। संशोधित पीआर बनाकर इसने राज्य सरकार को पिछले साल भेजा था जिसे स्टेट गवर्नमेंट ने मंजूर कर दिया है।

8250 करोड़ में 325 किमी का होगा प्रोजेक्ट…

खरसिया से नया रायपुर व्हाया बलौदाबाजार जाने
के लिए आने वाले साल में सब कुछ ठीक रहा तो नई रेल लाईन बिछाने का काम शुरू हो सकता है। लगभग 8 हजार दो सौ पचास करोड़ रुपए की लागत से 325 किमी तक इसके रेल ट्रैक बिछाए जाएंगे।

2017 के बजट में आया था यह प्रोजेक्ट केंद्र की मोदी सरकार रेलवे की बेहतर सुविधा के लिए लगातार प्रयोग कर रही है जिसमें नए प्रोजेक्ट्स को वरीयता दी जा रही है। इस नई रेल लाईन को 2017 के बजट में शामिल किया गया था लेकिन 2019 में छग में सरकार बदलने के बाद इसे वापस मंजूरी के लिए नई गवर्नमेंट को भेजा गया।

खरसिया टू नया रायपुर यहां से होकर जाएगा…

इस प्रतीक्षारत नए रेल लाईन को राज्य सरकार ने मंजूर कर एसईसीआर को भेज दिया है जहां से अब डीपीआर रेल मंत्रालय के पास जायेगी। यह रेल लाईन खरसिया से शिवरीनारायण, बलौदाबाजार, खरोरा, नया रायपुर से गुजरेगी।

पीपीपी मॉडल के तहत लाईन बिछेगी….

इस रेल ट्रैक को बिछाने के पीछे व्यापार को बढ़ावा देने के साथ सीमेंट, कोयला और लोहा परिवहन में तेजी लाने के अलावा मुख्य रेल रूट से गुड्स ट्रेन के ट्रैफिक को डायवर्ट करना मुख्य उद्देश्य माना जा रहा है। ऐसा अनुमान है कि इस प्रोजेक्ट के लिए पीपीपी पब्लिक-प्राईवेट पार्टनरशिप के तहत काम आगे रेलवे बढ़ा सकती है।

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